Explained: क्या होता है कम्प्रेस्ड बायो गैस, सरकार क्यों कर रही इस पर फोकस, क्या सस्ता हो जाएगा ईंधन?
Compressed Bio Gas Benefits: कम्प्रेस्ड बॉयोगैस एक एक नए तरह का ईंधन है, जो कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस और सीएनजी जैसे फ्यूल पर निर्भरता को कम कर देगा. साथ ही इससे कॉर्बन का भी उत्सर्जन नहीं होगा.
Compressed Bio Gas: पेट्रोलियम मंत्रालय कम्प्रेस्ड बायो गैस के रूप में ईंधन के नए अवसर तलाश रहा है. मंत्रालय की ओर से कई राज्यों में कंप्रेस्ड बायो गैस लगाने की योजना बनाई गई है. केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने अपने एक बयान में कहा है कि जैव ईंधन के क्षेत्र में 2030 तक 20 फीसदी की ग्रोथ का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन इसे घटाकर अभी 2025 कर दिया गया है.
केंद्र सरकार की ओर से दो दिन का कम्प्रेस्ड बायो गैस का वैश्विक सम्मेलन सोमवार से नई दिल्ली में आयोजित किया गया है. पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने बताया कि इस सम्मेलन का विषय सुदृढ़ सीबीजी फाउंडेशन और विकास के लिए प्रगतिशील नीतिगत ढांचे की आवश्यकता है. इसका उदेश्य भारत सरकार द्वारा किए गए उपायों और उन क्षेत्रों की पहचान करना, जहां इसकी सबसे ज्यादा आवश्यकता है. आपके मन में भी ये सवाल होगा कि कम्प्रेस्ड बायो गैस क्या है और सरकार इसपर इतना फोकस क्यों कर रही है? इससे लोगों को क्या लाभ मिलेगा?
क्या है कम्प्रेस्ड बायो गैस
कम्प्रेस्ड बायो गैस (CBG) अनॉक्सी प्रक्रिया से बना हुआ एक प्रकार का ईंधन है. यह अत्यंत ज्वलनशील पदार्थ है, जिसका उपयोग मोटर वाहनों को चलाने के साथ ही खाना पकाने और अन्य कई कामों के लिए किया जा सकता है. कम्प्रेस्ड बायो गैस बायोमास से तैयार किया जाता है. बायोमास यानी कृषि अपशिष्ट, मवेशी गोबर, सुगरकेन प्रेस मड, नगर निगम ठोस अपशिष्ट व सीवेज उपचार संयंत्रा अपशिष्ट आदि से निकला हुआ गैस. बायो गैस पैदा होने में करीब 55 फीसदी से लेकर 60 फीसदी तक मीथेन, 40 से 45 फीसदी कार्बन डाई आक्साइड और हाइड्रोजन सल्फाइड होता है. जब बायो गैस में से कार्बन डाई आक्साइड, जलवाष्प व हाइड्रोजन सल्फाइड को हटाया जाता है और फिर कम्प्रेस्ड किया जाता है तो सीबीजी यानी कम्प्रेस्ड बायो गैस प्राप्त होता है. इसमें मीथेन की मात्रा 90 फीसदी होती है.
भारत में कम्प्रेस्ड बायो गैस का उत्पादन
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने 16 जून, 2015 को सीएनजी के वैकल्पिक संघटक के रूप में मोटर वाहनों में बायो-कम्प्रेस्ड प्राकृतिक गैस (बायो सीएनजी) के इस्तेमाल की अनुमति दी थी. भारत में कई सोर्स के तहत CBG उत्पादन की क्षमता का अनुमान 370 MMT बायोमैनुर जनरेशन के साथ 62 मिलियन मीट्रिक टन (MMT) तक है. कम्प्रेस्ड बायो गैस का प्रोडक्शन एग्रीकल्चर वेस्ट, कीचड़, गन्ने के मड, गोबर और अन्य श्रोत से किया जाएगा.
कम्प्रेस्ड बायो गैस के क्या होंगे फायदे
सीबीजी में सीएनजी की तरह ही ऊर्जा की तरह ही होता है और इसमें सीएनजी के समान गुणधर्म होते हैं. इसका उपयोग हरित नवीन आटोमोटिव फ्यूल के रूप में किया जा सकता है. देश में पर्याप्त मात्रा में बायोमास को देखते हुए आटोमोटिव, इंडस्ट्री और कॉमर्शिय क्षेत्र में सीएनजी की जगह इसका उपयोग किया जा सकता है. साथ ही कच्चे तेल, प्राकृतिक गैस, प्रदूषण में कमी, जलवायु परिवर्तन में लाभ, किसानों के लिए अतिरिक्त लाभ के रूप में सीबीजी को देखा जा सकता है.
कम्प्रेस्ड बायो गैस की कीमत
कम्प्रेस्ड बायो गैस का बेसिक प्राइस 46 रुपये और इसपर 5 फीसदी जीएसटी यानी 2.30 रुपये लगाकर 48.30 रुपये प्रति किलो तय की गई है. OMC कंपनियों की ओर से इसे हर तीन साल पर समीक्षा की जाती है और उस हिसाब से इसके दाम ज्यादा या कम किए जाते हैं. भारत में इसके 46 CBG प्लांट हैं और इसे 100 से ज्यादा रिटेल आउटलेट पर सेल किया जा रहा है.
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