Capital Gain Tax: क्या है इंडेक्सेशन बेनिफिट? जिसे फिर से शुरू करने की म्यूचुअल फंड्स ने कर दी सरकार से डिमांड
Budget 2025: साल 2023 की बजट में सरकार ने डेट फंड्स के कैपिटल गेन में जिस इंडेक्सेशन बेनिफिट को खत्म कर दिया था, उसे AMFI ने फिर से शुरू करने की डिमांड की है.
Budget 2025: साल 2025 का बजट एक फरवरी 2025 को पेश होने वाला है. इससे पहले एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) ने म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री के लिए अपनी कुछ मांगे रखी है. इनमें से सबसे अहम डिमांड डेट म्यूचुअल फंड्स के लिए लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन पर इंडेक्सेशन बेनिफिट को फिर से शुरू करना है. AMFI की मांग यह भी है कि डेट म्यूचुअल फंड्स की यूनिट्स के रिडेम्पशन पर कैपिटल गेन पर 12.5 परसेंट की दर से टैक्स लगाई जाए.
इसलिए जरूरी है इंडेक्सेशन बेनिफिट
बता दें कि इससे पहले साल 2023 की बजट में सरकार ने डेट फंड्स के कैपिटल गेन में बदलाव करते हुए इंडेक्सेशन बेनिफिट को खत्म कर दिया था. सरकार के इस नए नियम से 31 मार्च, 2023 तक तो डेट फंडों में किए गए इंवेस्टमेंट पर इंडेक्सेशन बेनिफिट मिलता था, लेकिन 1 अप्रैल, 2024 से लागू नए नियम के तहत इसे खत्म कर दिया गया.
पहले डेट फंड को तीन साल में बेचने पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर इंवेस्टर्स को टैक्स भरना पड़ता था, लेकिन इंडेक्सेशन बेनिफिट मिलते रहने से टैक्स लायलबिलिटी कम हो जाती थी. अब चूंकि इंडेक्सेशन के तहत कैपिटल गेन पर महंगाई के प्रभाव को देखा जाता है इसलिए अगर इंफ्लेशन के साथ कैपिटल गेन्स घटता है, तो टैक्स की लायलबिलिटी भी कम हो जाती है.
सरकार के नए नियम के तहत डेट फंड के कैपिटल गेन्स को इंवेस्टर्स के इनकम में जोड़ दिए जाने से ज्यादा टैक्स स्लैब में आने वालों को अधिक टैक्स देना पड़ता था. अब अगर दोबारा से इंडेक्सेशन बेनिफिट को शुरू किया जाता है, तो डेट फंड्स में निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ेगी.
AMFI की सरकार से अपील है कि 1 साल से अधिक समय तक रखे गए डेट म्यूचुअल फंड की यूनिट्स पर 12.5 परसेंट की रेट से टैक्स लगाया जाए. इससे डेट फंड्स में इंवेस्ट करने के लिए रिटेल इंवेस्टर्स को बढ़ावा मिलेगा.
AMFI ने सरकार से की ये भी डिमांड
AMFI की अन्य मांगों में म्यूचुअल फंड द्वारा दिये गये डिविडेंड पर कर कटौती (टीडीएस) की सीमा को 5,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये करना, फ्यूचर्स और ऑप्शंस ट्रेडिंग के लिए पहले की एसटीटी दरों को बहाल करना, सेबी के पास रजिस्टर्ड म्यूचुअल फंड्स को एनपीएस (NPS) के समान पेंशन-ओरियेंटेड स्कीम्स (Pension-Oriented Schemes) लॉन्च करने की इजाजत देना शामिल हैं.
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