ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए हेल्थ इंश्योरेंस तक पहुंच काफी कम है. भारतीय आबादी में ग्रामीण इलाके की हिस्सेदारी 65.53 फीसदी है लेकिन इस आबादी को हेल्थ इंश्योरेंस बेचने वाली काफी कम कंपनियां हैं. कुछ कंपनियां ऐसी आबादी के लिए माइक्रो हेल्थ इंश्योरेंस पेश कर रही हैं. आखिर माइक्रो हेल्थ इंश्योरेंस की खासियत क्या है. इसके तहत क्या सुविधाएं मिलती हैं और कौन-कौन सी चीजें कवर होती हैं.
पीएम जन आरोग्य स्कीम में एक से पांच लाख रुपये तक कवरेज
माइक्रो हेल्थ इंश्योरेंस के तहत प्रधानमंत्री जन आरोग्य स्कीम में लोगों को एक से पांच लाख रुपये का हेल्थ इंश्योरेंस कवरेज दिया जाता है. इसका प्रीमियम काफी कम होता है ताकि कम आय वर्ग के लोग पॉलिसी खरीद सकें. माइक्रो हेल्थ इंश्योरेंस के तहत अमूमन एक साल का कवरेज होता है.पॉलिसी फैमिली फ्लोटर के तौर पर ली जा सकती है. चूंकि इस तरह की पॉलिसी में काफी कम प्रीमियम होता है इसलिए पॉलिसी खरीदते समय हेल्थ चेक-अप की जरूरत नहीं होती है. 65 साल से ऊपर के लोगों का इसमें बीमा नहीं हो सकता.
प्री और पोस्ट हॉस्पेटलाइजेशन खर्चे शामिल होते हैं
माइक्रो हेल्थ इंश्योरेंस प्लान के तहत बेसिक कवरेज फायदे कवर किए जाते हैं. इन सुविधाओं के तहत प्री और पोस्ट हॉस्पेटलाइजेशन खर्चे शामिल होते हैं. अगर 24 घंटे या इससे ज्यादा समय तक अस्पताल में भर्ती होते हैं तो उस पर होने वाला खर्च भी शामिल होता है. डे-केयर ट्रीटमेंट और एंबुलेस का खर्चा भी शामिल होता है.हेल्थ इंश्योरेंस प्रोवाइडर्स के अलावा भारत सरकार ने ग्रामीण इलाकों में गरीब आबादी के लिए आयुष्मान भारत स्कीम या प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना लॉन्च की है. प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना लॉन्च के तहत पांच लाख रुपये तक का कवर दिया जाता है. एक और लोकप्रिय योजना है आम आदमी बीमा योजना यानी AABY,जो बुनाई, मछली पालन, हैंडलूम और बढ़ईगिरी समेत 48 पेशों में लगे लोगों का हेल्थ इंश्योरेंस कवर किया जाता है.
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