नई दिल्ली: पेमेंट बैंक एकबार फिर चर्चा में हैं, हाल में पेटीएम पेमेंट बैंक ने अपना चेक-बुक जारी किया है. पेमेंट बैंक के कुछ फायदे हैं तो कुछ नुकसान भी. आइए जानते हैं कि पेमेंट बैंक क्या हैं और ये कैसे काम करते हैं.
पेमेंट बैंक अन्य बैंकों की तरह ही होते हैं, लेकिन ये छोटे स्तर पर काम करते हैं. ये बैंक ज्यादातर बैंकिंग काम मसलन, डिपोजिट लेने, पैसा भेजने, मोबाइल से पैसा भेजने, पेमेंट करने और एटीएम कार्ड, डेबिट कार्ड जारी करने का काम करते हैं. लेकिन ये लोन नहीं दे सकते हैं और न क्रेडिट कार्ड इश्यू कर सकते हैं. एनबीएफसी, कॉरपोरेट बिजनेस कॉरेस्पोंडेंट, मोबाइल फोन कंपनियां,सुपर मार्केट चेन, पब्लिक सेक्टर से जुड़े निकाय पेमेंट बैंक खोल सकते हैं इसके लिए 100 करोड़ रुपये की न्यूनतम पूंजी चाहिए.
लोन नहीं दे सकते पेमेंट बैंक
पेमेंट बैंक सिर्फ पैसा जमा कर सकते है. लेकिन एक लाख रुपये से अधिक का डिपोजिट नहीं ले सकते. ये म्युचुअल फंड और इंश्योरेंस प्रोडक्ट भी बेच सकते हैं.हालांकि पेमेंट बैंक का कस्टमर बनने से पहले यह पता कर लेना चाहिए कि क्या बैंक दूसरे बैंक के एटीएम से पैसा निकालने की सुविधा देता है. अगर आपको डेबिट कार्ड चाहिए तो इस हिसाब से इंडिया पोस्ट या पेटीएम का डेबिट कार्ड आपके ज्यादा मुफीद साबित होगा.
कुछ बैंक ग्राहकों को फायदा भी देते हैं, जैसे पेटीएम ई-कॉमर्स साइट पर खरीदारी के दौरान पीटीएम पेमेंट बैंक अकाउंट से पेमेंट करने पर कैशबैक या डिस्काउंट देता है. इसी तरह एयरटेल भी अपने पेमेंट बैंक के जरिये पेमेंट करने पर यह सुविधा देता है. पेमेंट बैंक की सबसे बड़ी खामी यह है कि ये लोन नहीं दे सकते.
ग्राहक बनने से पहले सर्विस चार्ज का पता कर लें
पेमेंट बैंक के ग्राहक बनने से पहले यह पता कर लेना चाहिए कि उनकी सर्विसेज पर कितना चार्ज लगता है. मिसाल के तौर पर एयरटेल पेमेंट बैंक कैश निकालने पर 0.65 फीसदी चार्ज करता है. फंड ट्रांसफर करने पर भी यह चार्ज लगाता है.
ज्यादातर पेटीएम बैंकों के पास एनबीएफसी जैसा अनुभव नहीं होता है. वे सिर्फ अपने ग्राहक बनाए रखने लिए पेमेंट बैंक का इस्तेमाल करते हैं.पेमेंट बैंक लोन नहीं दे सकते इसलिए वे पारंपरिक बैंकों का विकल्प नहीं हो सकते. वे चेकबुक और एटीएम कार्ड इश्यू कर सकते हैं. दूसरी ओर पारंपरिक बैंक के उलट आप सिर्फ यहां एक लाख रुपये जमा रख सकते हैं.