PM SVANidhi scheme for street vendors: क्या है पीएम स्वनिधि स्कीम और कैसे वेंडर्स उठा सकते हैं इसका फायदा, जानें डिटेल में
PM SVANidhi scheme: पीएम स्वनिधि योजना के तहत गरीब आदमी, रेहड़ी ठेले वालों को अधिकतम 10 हज़ार तक का लोन दिया जाता है. खास बात ये है कि इस लोन के लिए किसी गारंटी की ज़रूरत नहीं होती.
महामारी के बीच जून में पीएम स्ट्रीट वेंडर की आत्म निर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) योजना शुरू की गई थी. ये स्कीम एक माइक्रो-क्रेडिट सुविधा है जो स्ट्रीट वेंडर्स को एक वर्ष की अवधि के लिए कम ब्याज दरों के साथ 10,000 रुपये का कोलैटेरल लोन प्रदान करती है. चलिए यहां विस्तार से और आसान भाषा में समझते हैं कि क्या है पीएम स्वनिधि योजना और इसे क्यों लॉन्च किया गया था, साथ ही ये भी जानते हैं कि कैसे इससे स्ट्रीट वेंडर्स फायदा उठा सकते हैं
क्या है पीएम स्वनिधि योजना
पीएम स्वनिधि योजना के तहत गरीब आदमी, रेहड़ी ठेले वालों को अधिकतम 10 हज़ार तक का लोन दिया जाता है.खास बात ये है कि इस लोन के लिए किसी गारंटी की ज़रूरत नहीं होती. इस पर बहुत कम ब्याज लिया जाता है. समय पर लोन का पैसा लौटाने पर मिलने वाली छूट के बाद लोन लगभग ब्याज मुक्त हो जाता है. इस स्कीम के लिए 5 हज़ार करोड़ की राशि रखी गई है.
1 जून को लॉन्च की गई थी पीएम स्वनिधि स्कीम
1 जून को पीएम स्वनिधि योजना को लॉन्च किया गया था. 2 जुलाई को, यानी एक महीने में ही ऑनलाइन पोर्टल पर इसके लिए आवेदन भी मिलने शुरू हो गए थे. अब तक इस योजना के तहत देश भर से 31 लाख 64 हजार 367 आवेदन प्राप्त हुए हैं (सिक्किम को छोड़कर, जो आधिकारिक तौर पर इसमें भाग नहीं ले रहा है). इन कुल आवेदनों में से 16 लाख 77 हजार 27 स्वीकृत किए जा चुके हैं और 12 लाख 17 हजार 507 का वितरण किया जा चुका है.
क्यों शुरू की गई पीएम स्वनिधि स्कीम
COVID-19 महामारी और देशव्यापी तालाबंदी ने दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों और रेहड़ी-पटरी वालों को बेरोजगार कर दिया था. इस योजना का उद्देश्य वेंडर्स को आर्थिक रूप से अपने पैरों पर वापस लाने में सहायता करना है. लॉन्ग टर्म में, इसका उद्देश्य वेंडर्स के लिए क्रेडिट स्कोर स्थापित करने के साथ-साथ उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति का डिजिटल रिकॉर्ड बनाना है, ताकि वे बाद में केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ उठा सकें. यह स्कीम इकोनॉमी के इनफॉर्मल सेक्टर को फॉर्मलाइज करने और उन्हें फ्यूचर के लिए सेफ्टी नेट प्रदान करने और फ्यूचर में लोन लेने की सुविधा देती है.
ये स्कीम से लिये गए लोन पर 12% से कम इंटरेस्ट ऑफ रेट लगाया जाता है और यह वेंडर्स का क्रेडिट स्कोर बनाती है, ताकि अगर वे समय पर लोन चुकाते हैं, तो वे ज्यादा फायदा उठा सकते हैं. इसके अलावा, उनका और उनकी सामाजिक-आर्थिक प्रोफ़ाइल का एक डिजिटल रिकॉर्ड बनाकर, यह उन्हें केंद्र सरकार की 8 से 9 अन्य योजनाओं का लाभ उठाने में मदद करती है और उन्हें एक सेफ्टी नेट प्रदान करती है जिससे उनकी गरीबी उन्मूलन में मदद मिलती है.
कौन से वेंडर्स लोन के लिए एलिजिबल हैं, और वे इसके लिए कैसे आवेदन कर सकते हैं?
सभी वेंडर जो 24 मार्च 2020 से या उससे पहले वेंडिंग कर रहे हैं और जिनके पास वेंडिंग सर्टिफिकेट है, वे लोन का लाभ उठा सकते हैं. स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट 2014 के अनुसार, टाउन वेंडिंग कमेटी (जिसमें एक क्षेत्र के स्थानीय प्राधिकरण और वेंडर शामिल होते हैं) सभी वेंडरों के सर्वेक्षण के बाद वेंडिंग का सर्टिफिकेट जारी करती हैं. लेकिन चूंकि कई राज्यों और शहरों ने अभी तक सर्वे नहीं किया है, इसलिए कई विक्रेता वेंडिंग का ऐसा कोई प्रमाण पत्र नहीं ले पाए हैं. ऐसे स्थिति में, योजना के अनुसार, शहरी स्थानीय निकाय - इस मामले में, नगर पालिकाएँ - ऋण लेने के इच्छुक प्रत्येक विक्रेता के लिए एक सिफारिश पत्र प्रदान करेंगी. “इस योजना के लिए सर्वे की जरूरत नहीं है. ULB एक LOR जारी कर सकते हैं, या अगर वेंडर एक वेंडर एसोसिएशन का मेंबर है, तो वह आवेदन कर सकता है. ” एलओआर के लिए अलग-अलग रिक्वायरमेंट्स होती हैं, कई ULB वेंडिंग के सबूत की मांग करते हैं, इसमें मौके पर एक विक्रेता की तस्वीर भी शामिल होती है.
ये डॉक्यूमेंट्स जिनमें आईडी प्रूफ भी शामिल हैं वे योजना के लिए बनाए गए एक विशेष पोर्टल पर अपलोड किए जाते हैं, और लोन को बैंक द्वारा सेंशन किया जाता है और आदर्श रूप से, 10-15 दिनों में वितरित कर दिए जाते हैं.
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