आपने कई बार ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी टर्म सुना होगा. भारत में इन दिनों ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी की चर्चा जोरों पर है. कुछ ही समय पहले भारत 3 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बना है. अभी दुनिया में चार ऐसे देश हैं, जिनकी अर्थव्यवस्था का साइज भारत से ज्यादा है. संभव है, ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी की पुरजोर चर्चा के बीच आपके भी मन में सवाल आया हो कि पूरी दुनिया की इकोनॉमी का साइज क्या होगा और यह भी क्या उससे आगे भी कुछ संभव है? आज हम कुछ ऐसे ही सवालों पर चर्चा करेंगे.


नासा का ये नया अपडेट


नासा ने शुक्रवार को अपने एक नए स्पेस मिशन के बारे में अपडेट दिया है. यह मिशन पहले के अन्य मिशन की तुलना में अलग है. इस बार नासा का टारगेट चांद या मंगल ग्रह अथवा किसी अन्य सौरमंडल की सैर नहीं है, बल्कि यह एक एस्टेरॉयड यानी क्षुद्रग्रह का अध्ययन करने के लिए है. नासा का अनुमान है कि उस क्षुद्रग्रह की वैल्यू 10 क्विंटिलियन डॉलर है.


पूरी दुनिया की जीडीपी से इतना बड़ा


10 क्विंटिलियन डॉलर भारत समेत तमाम अन्य देशों की अर्थव्यवस्था की तुलना में बहुत बड़ा आंकड़ा है, इतना बड़ा कि पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था मिलकर भी उसके आस-पास कहीं नहीं ठहरती. इसे ऐसे समझ सकते हैं कि पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था का साइज इस साल बढ़कर करीब 113 ट्रिलियन डॉलर होने का अनुमान है. 1 क्विंटिलियन में 10 लाख ट्रिलियन होते हैं, इसका मतलब हुआ कि नासा जिस क्षुद्रग्रह का अध्ययन करने जा रहा है, उसकी वैल्यू की बराबरी करने में पूरी दुनिया की जीडीपी को 1 लाख गुणा बड़ा होना पड़ेगा.


कीमती धातुओं का भंडार


क्षुद्रग्रहों की बात करें तो वे एक बड़े चट्टान की तरह होते हैं. पृथ्वी पर डायनासोर की प्रजाति एक एस्टेरॉयड के कारण ही समाप्त हुई थी. नासा जिस एस्टेरॉयड की स्टडी करने जा रहा है, उसका नाम 16 Psyche है. यह एस्टेरॉयड 173 मील चौड़ा है. नासा का मानना है कि यह एस्टेरॉयड सोना, लोहा और निकेल जैसी धातुओं से बना हुआ है, इसी कारण उसकी वैल्यू इतनी ज्यादा है.


यह काम करेगा सैटेलाइट


बिजनेस इनसाइडर की एक रिपोर्ट बताती है कि नासा का सैटेलाइट 16 Psyche के ऑर्बिट में 26 महीने बिताएगा और कई जरूरी जानकारियां इकट्ठ करेगा, जो बाद में एस्टेरॉयड की माइनिंग में काम आ सकते हैं. मजेदार है कि नासा के इस मिशन में दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति एलन मस्क की भी भागीदारी है. नासा के सैटेलाइट को एलन मस्क की कंपनी का रॉकेट ही अंतरिक्ष लेकर जाएगा.


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