लोग जरूरत पड़ने पर कई बार लोन का सहारा लेते हैं. घर खरीदना हो या नई कार या फिर घर की ही मरम्मत करानी हो, इनके अलावा कई अन्य आकस्मिक कारणों से भी लोगों को लोन लेने की जरूरत पड़ जाती है. बैंक ग्राहकों की विभिन्न जरूरतों को ध्यान में रखते हुए तरह-तरह के लोन ऑफर करते हैं. एक ऐस ही लोन होता है टॉप-अप लोन, जो कई मौकों पर आपके लिए बहुत काम का साबित हो सकता है.
क्या है टॉप-अप लोन?
सबसे पहले यही जान लेते हैं कि आखिर टॉप-अप लोन है क्या चीज? अगर आपने होम लोन ले रखा है तो उस लोन पर टॉप-अप ले सकते हैं. जिस तरह आप अपने मोबाइल फोन में टॉप-अप रीचार्ज करते हैं और आपके फोन में बैलेंस आ जाता है, उसी तरह आप होम लोन को टॉप अप कर सकते हैं. ये लोन व्यक्ति को उसके मौजूदा होम लोन के ऊपर मिलता है. प्रॉपर्टी की बढ़ी मार्केट वैल्यू, मौजूदा होम लोन के रीपेमेंट का ट्रैक रिकॉर्ड और कर्ज चुकाने की क्षमता यानी रीपेमेंट कैपेसिटी को ध्यान में रखकर बैंक इस तरह का लोन देते हैं.
कहां कर सकते हैं इस्तेमाल?
यह ऑप-अप लोन आपकी कई जरूरतों को पूरा कर सकता है. घर की मरम्मत, रेनोवेशन, इंटीरियर डिजाइनिंग के लिए आप होम लोन को टॉप-अप करा सकते हैं. टॉप-अप होम लोन के सबसे अहम फायदों में से एक है लोन की रकम के इस्तेमाल की आजादी. लोन लेने वाला व्यक्ति घर बनवाने के अलावा और भी कई कामों जैसे पढ़ाई, शादी, मेडिकल बिल और निजी खर्च में इसका इस्तेमाल कर सकता है. इस मामले में ये पर्सनल लोन की तरह है.
टॉप-अप लोन का सबसे बड़ा लाभ
होम लोन की तरह ही टॉप-अप लोन का टेन्योर लंबा होता है. इसका टेन्योर आपके मौजूद होम लोन की बची अवधि तक हो सकता है या 30 साल तक के लिए हो सकता है. स्टेट बैंक के टॉप-अप होम लोन का टेन्योर 30 साल तक का है, जबकि ICICI बैंक 20 साल तक के लिए टॉप-अप लोन दे रहा है.
टॉप-अप होम लोन की ब्याज दरें
टॉप-अप होम लोन की ब्याज दरें होम लोन से थोड़ी ज्यादा होती हैं, लेकिन पर्सनल लोन या क्रेडिट कार्ड के मुकाबले कम होती हैं. टॉप-अप होम लोन का सिक्योर्ड होना इसकी वजह है. यह लोन आपकी प्रॉपर्टी के एवज में दिया जाता है. दूसरी ओर पर्सनल लोन या क्रेडिट कार्ड अनसिक्योर्ड होते हैं, जिस कारण उनकी ब्याज दरें ज्यादा होती हैं. पर्सनल लोन के मुकाबले टॉप-अप होम लोन काफी सस्ता पड़ता है.
इनकम टैक्स से मिलती है छूट
टॉप-अप होम लोन की अदायगी पर इनकम टैक्स की छूट भी मिलती है. अगर आप लोन की रकम का इस्तेमाल घर की मरम्मत या रेनोवेशन के लिए करते हैं तो इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 24 के तहत टैक्स डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं. सेक्शन 24 के तहत होम लोन के ब्याज पर 2 लाख रुपये तक का डिडक्शन लिया जा सकता है. पर्सनल लोन में किसी तरह का टैक्स बेनेफिट नहीं है.
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