UCO Bank IMPS Scam: क्या है यूको बैंक का आईएमपीएस स्कैम, जिसमें सीबीआई ने की छापेमारियां?
What is UCO Bank IMPS Scam?: केंद्रीय जांच एजेंसी पिछले साल हुए इस आईएमपीएस स्कैम की छानबीन कर रही है. एजेंसी पहले भी छापेमारियां कर चुकी है...
पब्लिक सेक्टर का यूको बैंक इन दिनों चर्चा में है. इस सरकारी बैंक को सीबीआई की कार्रवाई का सामना करना पड़ रहा है. एक दिन पहले ही सीबीआई ने यूको बैंक को लेकर बड़ा एक्शन लिया है देश भर में कई जगहों पर एक साथ छापेमारी की है. इस एक्शन के पीछे यूको बैंक आईएमपीएस स्कैम को वजह बताया जा रहा है. आइए जानते हैं कि यह यूको बैंक आईएमपीएस स्कैम क्या है...
67 ठिकानों पर हुई छापेमारी
सबसे पहले आपको बता दें कि सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन यानी सीबीआई ने बुधवार को कई शहरों में स्थित 67 ठिकानों पर छापेमारी की. जिन जगहों पर सीबीआई ने छापेमारी की, वे राजस्थान और महाराष्ट्र के 7 अलग-अलग शहरों में स्थित हैं. बताया गया कि सीबीआई ने ये छापेमारी करीब 820 करोड़ रुपये के आईएमपीएस स्कैम के सिलसिले में की.
सीबीआई के हाथ लगे सुराग
सीबीआई के अनुसार, यूको बैंक के कई अकाउंट का इस्तेमाल कर संदिग्ध आईएमपीएस लेन-देन किए गए. संदिग्ध लेन-देन की रकम करीब 820 करोड़ रुपये है. छापेमारी के दौरान सीबीआई को कई अहम सुराग मिले. केंद्रीय जांच एजेंसी ने यूको बैंक और आईडीएफसी बैंक से जुड़े करीब 130 दस्तावेजों को जब्त किया . 40 मोबाइल फोन, 2 हार्ड डिस्क और 1 इंटरनेट डोंगल भी फोरेंसिक एनालिसिस के लिए जब्त किया गया. एजेंसी ने कई संदिग्धों से पूछताछ भी की.
पिछले साल नवंबर में हुआ स्कैम
आईएमपीएस यानी इम्मेडिएट पेमेंट सिस्टम बैंकिंग लेन-देन की एक उन्नत प्रणाली है. इसे एनपीसीआई के द्वारा मैनेज किया जाता है. आईएमपीएस के माध्यम से एक बैंक अकाउंट से दूसरे बैंक अकाउंट में रियलटाइम में मनी ट्रांसफर सुनिश्चित होता है. सीबीआई जिस मामले की जांच कर रही है, वह आईएमपीएस के जरिए किए गए 8,53,049 संदिग्ध ट्रांजेक्शन से जुड़ा हुआ है. ये ट्रांजेक्शन पिछले साल 10 नवंबर से 13 नवंबर के दौरान किए गए.
बिना डेबिट के हो गए ट्रांजेक्शन
इस स्कैम में 7 निजी बैंकों के करीब 14,600 अकाउंट होल्डर्स के खातों से आईएमपीएस इनवार्ड ट्रांजेक्शन शुरू किए गए. ये ट्रांजेक्शन यूको बैंक के 41 हजार से ज्यादा अकाउंट में पोस्ट किए गए. इस स्कैम में हुआ ये कि 820 करोड़ रुपये के ट्रांजेक्शन हो गए. यूको बैंक के संबंधित खातों में 820 करोड़ रुपये जमा हो गए, जबकि ऑरिजिनेटिंग बैंक के अकाउंट से वास्तव में कोई डेबिट हुआ ही नहीं.
सीबीआई पहले भी कर चुकी है छापेमारी
यूको बैंक के जिन खाताधारकों के अकाउंट में पैसे क्रेडिट हुए, उनमें से कइयों ने अकाउंट से पैसे निकाल लिए और बैंक को नहीं लौटाया. सीबीआई अब इसी मामले की जांच कर रही है. इसे पहले भी मामले में सीबीआई कार्रवाई कर चुकी है. इससे पहले दिसंबर 2023 में कोलकाता और मंगलोर समेत यूको बैंक व यूको बैंक के अधिकारियों से जुड़े 11 ठिकानों पर छापेमारी की गई थी. इस बार जिन शहरों में सीबीआई ने छापेमारी की, उनमें जोधपुर, जयपुर, जालौर, नागौर, बाड़मेर, फलौदी और पुणे शामिल हैं.
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