आप जब नया वाहन खरीदते हैं तो उस वक्त इंश्योरेंस कंपनी की तरफ से उपलब्ध कराया जाता है. कंपनी द्वारा उपलब्ध कराया गया इंश्योरेंस कम से कम एक साल के लिए मान्य होता है.  एक साल के बाद वाहन मालिक को अपनी जरुरतों को ध्यान में रखते हुए इंश्योरेंस को रिन्यू कराना होता है.


आप चाहें कार खरीदे या टू व्हीलर या कॉर्मशियल व्हीकल भारत में गाड़ी खरीदने वाले हर व्यक्ति के लिए मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदना अनिवार्य कर दिया गया है. इंश्योरेंस होने की वजह से वाहन के साथ हादसा होने की स्थिति में नुकसान की भरपाई का बोझ आपका बजट नहीं बिगाड़ता है.


आपने अगर जीरो डेप्रिसिएशन कवर भी अपने मोटर इंश्योरेंस में कवर किया है, तो यह आपको ज्यादा फायदा दे सकता है. जानते हैं कैसे:-


डेप्रिसिएशन क्या होता है
पुरानी कार के कलपुर्जे और पार्ट्स घिस जाते हैं इसकी वजह से कार की मार्केट वैल्यू भी कम हो जाती है. इस को डेप्रिसिएशन कहते हैं. यही वजह है कि कार इंश्योरेंस को हर साल रिन्यू कराने पर कार की वैल्यू के साथ ही बीमा क्लेम की रकम भी घटती जाती है.


मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी में जीरो डेप्रिसिएशन कवर नहीं लेने पर बीमा कंपनी नए पार्ट्स लगाए जाने की स्थिति में पूरा खर्च नहीं उठाती है.


जीरो डेप क्या होता है
जीरो डेप्रिसिएशन कवर को लेने पर गाड़ी की वैल्यू तय करने में डेप्रिसिएशन शामिल नहीं होता. किसी हादसे में आपकी गाड़ी को नुकसान पहुंचता है तो बीमा कंपनी दावे की पूरी रकम का भुगतान करती है। इसी को ‘ जीरो डेप’ कवर कहा जाता है.


इन बातों का रखें ध्यान
मोटर इेश्योरेंस पॉलिसी लें तो ध्यान रखें कि जीरो डेप कवर को बीमा पॉलिसी के साथ एड ऑन कराने पर प्रीमियम 20 प्रतिशत बढ़ जाता है.


जीरो डेप्रिसिएशन कवर नई गाड़ी पर या ज्यादा से ज्यादा 3 साल पुरानी कार पर ही मिलता है. आपकी कार चार साल पुरानी है तो आपको सामान्य बीमा पॉलिसी ही खरीदनी होगी.


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