Wheat Prices In India: गेहूं के कीमतों में भारी इजाफा (Wheat Price Rise) देखने को मिला है. मई, 2022 में घरेलू बाजार में बढ़ती कीमतों के चलते सरकार ने गेहूं के निर्यात पर रोक (Ban On Wheat Export) लगा दिया था बावजूद इसके मई के बाद से गेहूं के दामों में 27 फीसदी का उछाल आया है. जिसके बाद कीमतों में लगाम लगाने के लिए सरकार बड़े फैसले ले सकती है जिससे महंगे गेहूं से आम लोगों को निजात दिलाई जा सके. खाने पीने की चीजों की महंगाई लगातार सरकार को परेशान कर रही है. सरकार के कदमों के बावजूद कीमतें थम नहीं रही.
गेहूं के दामों पर नियंत्रण लगाने के लिए सरकार अपने भंडार से खुले बाजार में गेहूं जारी कर सकती है. इसके अलावा देश में गेहूं के आयात पर लगने वाले 40 फीसदी इंपोर्ट टैक्स को खत्म किया जा सकता है. गेहूं के दामों में निर्यात पर रोक लगाने के बाद भी इजाफा देखा गया है. घरेलू मार्केट में गेहूं के दाम 26,500 रुपये टन पर जा पहुंचा है जो मई, 2022 के मुकाबले 27 फीसदी ज्यादा है.
भारत गेहूं के दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा प्रोड्यूसर है साथ ही खपत भी यहां बहुत ज्यादा है. महंगे गेहूं के चलते आटा महंगा हुआ है. आटा के महंगा होने के चलते उससे बनने वाली चीजों के दाम बढ़े हैं जैसे बिस्कुट, ब्रेड शामिल है. हालांकि माना जा रहा है कि जबतक गेहूं की नई सप्लाई अगले साल तक नहीं आती है तब तक महंगे गेहूं से राहत मिलने के आसार बेहद कम है.
अक्टूबर के शुरू होने पर सरकार के वेयरहाउस में 22.7 मिलियन टन गेहूं का स्टॉक था. जो एक साल के 46.9 मिलियन टन के मुकाबले कम है. दरअसल 2022 में फसल को हुए नुकसान के चलते सरकारी खरीद में 57 फीसदी की गिरावट आई थी.
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