बैंक कर्मचारी लंबे समय से पांच दिनों के सप्ताह की मांग कर रहे हैं. हालांकि अब तक इस दिशा में कुछ ठोस कदम उठाया नहीं गया है. इस बीच शनिवार को एसबीआई चेयरमैन की टिप्पणी के बाद यह मुद्दा एक बार फिर से सुर्खियों में आ गया है.


लंबा होता जा रहा है इंतजार


इससे पहले 2024 की शुरुआत में 5 दिनों के सप्ताह (5-डे वर्क वीक) की मांग ने जोर पकड़ा था. उसके बाद मार्च महीने में खबरें आई थीं कि 5-डे वर्क वीक की राह की सारी बाधाएं दूर हो गई हैं और अब सिर्फ वित्त मंत्रालय की मंजूरी का इंतजार है. हालांकि उसके बाद से अब तक 4 महीने से ज्यादा बीत चुके हैं, लेकिन बैक कर्मचारियों का 5 दिनों के सप्ताह का इंतजार समाप्त नहीं हो रहा है.


तिमाही परिणाम के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस


शनिवार को देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक एसबीआई के चेयरमैन दिनेश खारा से इस बारे में सवाल किया गया. उनसे पूछा गया कि बैंक कर्मचारियों के द्वारा की जा रही 5 दिनों के सप्ताह की मांग पर क्या अपडेट है. एसबीआई चेयरमैन ने इस सवाल का जवाब टाल दिया और कहा कि यह इस मीटिंग का मुद्दा नहीं है. खारा एसबीआई के पहले तिमाही के परिणाम के ऐलान के बाद पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे.


सबसे ज्यादा एसबीआई के कर्मचारी


दरअसल बैंक कर्मचारियों के यूनियन में एसबीआई में काम करने वालों की संख्या सबसे ज्यादा है. बैंक कर्मचारियों के यूनियन का बैंकों के संगठन आईबीए यानी इंडियन बैंक एसोसिएशन के साथ मार्च में एक समझौता हुआ था. समझौते के बाद कर्मचारियों के यूनियन ने कहा था कि बैंक कर्मचारियों की सैलरी में बढ़ोतरी और महीने के हर शनिवार को भी रविवार की तरह छुट्टी के लिए लंबा इंतजार नहीं करना होगा.


मार्च में यूनियन ने किया था ये दावा


अभी बैंक कर्मचारियों को महीने के दो सप्ताह दो-दो छुट्टियां मिलती हैं, लेकिन बाकी के दो सप्ताह में उन्हें 6-6 दिन काम करना पड़ता है. बैंक कर्मचारियों को सभी रविवार के अलावा दूसरे व चौथे शनिवार को छुट्टी मिलती है, जबकि उन्हें पहले, तीसरे और पांचवें शनिवार को सामान्य कामकाजी दिन की तरह पूरे दिन काम करना पड़ता है. इसे लेकर लंबे समय से कर्मचारियों के संगठन और बैंकों के संगठन के बीच विवाद चल रहा है.


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