भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर हाल-फिलहाल में कई रपटें सामने आई हैं. Glodman Sachs से लेकर एसबीआई तक ने भारत की इकोनॉमी को लेकर बातें कही हैं. वहीं आईएमएफ ने भारत की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को बढ़ाया है. तमाम सकारात्मक रपटों के बाद भी एक सवाल अक्सर उठते रहता है कि आखिर भारत कब विकसित देश बनेगा... अब खुद वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने बार-बार पूछे जाने वाले इस सवाल का जवाब दे दिया है.
इन 4 पहलुओं पर फोकस
बकौल वित्त मंत्री, भारत 2047 तक यानी आजादी के 100 साल पूरे करते-करते विकसित देशों की फेहरिस्त में शामिल हो सकता है. न्यूज एजेंसी पीटीआई की एक खबर के अनुसार, भारत सरकार देश को 2047 तक विकसित देश बनाना चाह रही है और इसके लिए जोर-शोर से काम चल रहा है. उन्होंने कहा कि भारत को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए सरकार चार पहलुओं पर ध्यान दे रही है. ये पहलू इंफ्रास्ट्रक्चर, इन्वेस्टमेंट, इनोवेशन और इन्क्लूजिवनेस है.
देश के पास सारे संसाधन
वित्त मंत्री ने कहा कि भारत के पास वे सारे जरूरी संसाधन हैं, जिनकी जरूरत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तय लक्ष्यों को पाने के लिए है. सरकार ने निवेशकों के हित में कई सुधारों पर अमल किया है. उसके साथ ही भारत में एक बड़ी युवा आबादी है. अर्थव्यवस्था की जरूरत के अनुसार उन्हें कुशल बनाने का बहुत लाभ होगा.
इतना बढ़ा है सरकारी खर्च
आजादी के 100 साल पूरे होने तक देश को विकसित देश बनाने के बारे में उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार इस लक्ष्य के साथ चार अलग-अलग पहलुओं पर जोर दे रही है. सरकार का पहला फोकस इंफ्रा यानी बुनियादी ढांचे पर है. यही कारण है कि पिछले तीन से पांच सालों में बुनियादी ढांचे पर सरकारी खर्च काफी बढ़ा है. वित्त वर्ष 2023-24 में तो सरकारी खर्च का यह आंकड़ा 10 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा.
इन मामलों में भी हुआ काम
वित्त मंत्री ने बताया कि बुनियादी ढांचे के साथ ही निवेश पर भी जोर दिया जा रहा है. इसमें सरकार के साथ ही प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी भी बढ़ रही है. डिजिटल बुनियादी ढांचे जैसे क्षेत्रों को भी महत्व दिया जा रहा है. इनोवेशन की बात करें तो ऊर्जा के मामले में इस दिशा में बहुत काम हो रहा है. वहीं सरकार ने योजनाओं का लाभ हर नागरिक तक पहुंचाने के लिए कई सुधारों पर अमल किया है.
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