भारतीय शेयर बाजार में हालिया गिरावट के बीच, अमीर निवेशकों ने अपनी संपत्ति को सुरक्षित रखने और बढ़ाने के लिए नए निवेश विकल्पों की तलाश शुरू कर दी है. एक नई रिपोर्ट के अनुसार, भारत के 60 फीसदी से ज्यादा अमीर और बहुत ज्यादा अमीर लोग अगले दो वर्षों में रियल एस्टेट में निवेश करने की योजना बना रहे हैं. यह रिपोर्ट दिखाती है कि कैसे हाई नेटवर्थ वाले लोग सही सोच और समझ के साथ टाइम पर अपना निवेश सही जगह करते हैं और मोटा मुनाफा बनाते हैं.
क्या कहती है रिपोर्ट
सोथबी इंटरनेशनल रियल्टी की रिपोर्ट के अनुसार, अमीर भारतीयों की रियल एस्टेट में दिलचस्पी बढ़ी है. खासतौर से लक्जरी प्रॉपर्टी को लेकर क्रेज ज्यादा ही बढ़ा है. रिपोर्ट के अनुसार, भारत के लगभग 62 फीसदी अमीर लोग अगले 12-24 महीनों में लक्जरी प्रॉपर्टी में निवेश करने की योजना बना रहे हैं. दरअसल, अमीर लोग गिरते शेयर बाजार के बीच, रियल एस्टेट को एक स्थायी और सुरक्षित निवेश का विकल्प मान रहे हैं.
इंटरनेशनल लेवल पर रियल एस्टेट में कर रहे निवेश
हाई नेटवर्थ वाले भारतीय लोग देश के रियल एस्टेट सेक्टर में तो निवेश कर ही रहे हैं, इसके अलावा यह लोग इंटरनेशनल रियल एस्टेट मार्केट में भी दिलचस्पी दिखा रहे हैं. इंटरनेशनल रियल एस्टेट मार्केट में भारतीयों का निवेश 22 फीसदी तक बढ़ गया है. आपको बता दें, मोतीलाल ओसवाल प्राइवेट वेल्थ (MOPW) ने भी सुझाव दिया है कि रियल एस्टेट, खासतौर से कमर्शियल प्रॉपर्टी में निवेश आपको अच्छा मुनाफा दे सकती है. इसके अलावा, मोतीलाल ओसवाल प्राइवेट वेल्थ ने सोने और हाइब्रिड फंड्स में भी निवेश की सलाह दी है.
सोना या हाइब्रिड फंड्स में निवेश कितना सही
मोतीलाल ओसवाल प्राइवेट वेल्थ ने सोने और हाइब्रिड फंड्स में निवेश की सलाह दी है. दरअसल, सोना, वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच एक सुरक्षित निवेश माना जाता है. सोने की मांग बढ़ती जा रही है, जिससे यह एक मजबूत निवेश विकल्प बनता जा रहा है. वहीं, हाइब्रिड फंड्स की बात करें तो ये फंड्स शेयर और बॉन्ड दोनों में निवेश करते हैं, जिससे जोखिम कम होता है और संभावित रिटर्न बढ़ता है.
डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ़ सूचना हेतु दी जा रही है. यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें. ABPLive.com की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है.)
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