New Bank Note: क्या सरकार मौजूदा कागज के नोटों को बदलने की तैयारी कर रही है? क्या पेपर नोटों की जगह प्लास्टिक करेंसी जारी होने वाला है? ये सवाल संसद में सरकार से पूछा गया है. इस प्रश्न का जवाब देते हुए वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि सरकार ने प्लास्टिक नोट जारी करने को लेकर कोई फैसला नहीं लिया है.
राज्यसभा में प्रश्नकाल में राज्यसभा सासंद अनिल देसाई ने प्रश्नकाल में वित्त मंत्री से सवाल किया कि क्या सरकार दूसरे देशों में चलन में मौजूद नोटों के साथ मौजूदा पेपर करेंसी को बदलने पर विचार कर रही है. उन्होंने सवाल किया कि कई देशों में प्लास्टिक नोट्स बेहद टिकाऊ साबित हुआ है साथ ही प्लास्टिक नोटों का फेक करेंसी तैयार करना भी बेहद कठिन है. ऐसा में क्या सरकार अपने देश में भी प्लास्टिक करेंसी जारी करने पर क्या विचार करेगी?
इस प्रश्न का लिखित में जवाब देते हुए वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने कहा, सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक के एक्ट 1934 के सेक्शन 25 के तहत प्लास्टिक नोट्स जारी करने को लेकर कोई फैसला नहीं किया है. उन्होंने कहा कि भारतीय नोटों का टिकाऊपन और उसके जालीकरण को रोकना लगातार जारी रहने वाली प्रक्रिया है.
अनिल देसाई ने वित्त मंत्री से पेपर करेंसी नोट्स और प्लास्टिक नोटों के प्रिंटिंग कॉस्ट को लेकर सवाल पूछा तो वित्त राज्यमंत्री ने बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक के 2022-23 के रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान नोटों की छपाई पर कुल 4682.80 करोड़ रुपये खर्च हुए थे. उन्होंने बताया कि प्लास्टिक करेंसी की छपाई पर कोई खर्च नहीं किया गया है.
आरबीआई के 2015-16 के सालाना रिपोर्ट के मुताबिक 10 रुपये के अरबों नोट्स प्लास्टिक नोट्स जारी करने की योजना बनाई गई थी. पायलट बेसिस पर पांच शहरों कोच्चि, मैसूर, शिमला, जयपुर और भुवनेश्वर में ट्रायल बेसिस पर इन प्लास्टिक नोटों को जारी किया जाना था. भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुंद्रण प्राइवेट लिमिटेड और सिक्योरिटीज प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने इस प्रोजेक्ट को अपने हाथों में लिया था. लेकिन उच्च तापमान में प्लास्टिक नोट्स में आग लगने के खतरे से चलते इस प्रोजेक्ट को आरबीआई ने टाल दिया था.
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