Flexi Cap & Multi Cap Funds: शेयर बाजार ( Stock Market) में इन दिनों उठापटक देखने को मिल रही है. लेकिन जो निवेशक म्यूचुअल फंड ( Mutual Fund) में निवेश करना चाहते हैं और अगर वे दुविधा में हैं कि वे फ्लेक्सी कैप ( Flexi Cap) में निवेश करें या फिर मल्टी कैप ( Multi Cap) में तो आज आपको बतायेंगे दोनों तरह के फंड में क्या फर्क है. फ्लेक्सी कैप को सबसे बेहतर माना जाता है क्योंकि इसमें फंड मैनेजर के पास विकल्प होता है कि वो लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप में जहां चाहे अलॉकेशन को शिफ्ट कर सकता है. जबकि मल्टी कैप अपने कुल कार्पस का 25 फीसदी हिस्सा लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप में निवेश करना होता है.
हालांकि फ्लेक्सी कैप की भी कुछ सीमाएं हैं. अगल फ्लेक्सी कैप का 10,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का कॉर्पस (Corpus) हो जाता है तो फंड मैनेजर के लिए बेहतर अवसर तलाशना मुश्किल हो जाता है. क्योंकि स्मॉल कैप में 10 से 15 फीसदी का अलॉकेशन बहुत ज्यादा होता है. ऐसे में वहीं फ्लेक्सी कैप बेहतर होते हैं जिनका एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) छोटा होता है.
मल्टीकैप के फीचर
इक्विटी फंड्स को लार्ज कैप, मिड कैप, स्मॉल कैप में निवेश करना जरुरी होता है. मल्टी कैप को अपने कुल एसेट का 75 फीसदी शेयर बाजार यानि इक्विटी में निवेश करना होता है. जिसमें 25 फीसदी लार्ज-कैप कंपनियों में, 25 फीसदी मिड-कैप कंपनियों में, 25 फीसदी स्मॉक-कैप कंपनियों में निवेश करना जरुरी होता है. मार्केट में जो भी हालात रहे लेकिन मल्टीकैप फंड को तीनों प्रकार लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप में अलोकेशन को बनाये रखना पड़ता है. मल्टी कैप में लार्ज से लेकर ज्यादा रिटर्न देने वाले मिडकैप- स्मॉलकैप दोनों ही का फायदा निवेशकों को मिलता है.
फ्लेक्सी कैप की खासियत
फ्लेक्सी कैप फंड एक ओपेन एंडेड इक्विटी स्कीम है जो लार्ज कैप, मिड कैप, स्मॉल कैप कंपनियों में निवेश करता है. फ्लेक्सी कैप फंड को अपना 65 फीसदी फंड का हिस्सा इक्विटी या उससे जुड़े इंस्ट्रूमेंट में निवेश करता है. मल्टीकैप की तरह फ्लेक्सी कैप फंड्स के लिए लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप में निवेश की कोई तय सीमा नहीं है.
क्यों करें मल्टी कैप और फ्लेक्सी कैप में निवेश
वैसे निवेशक जिन्हें लंबी अवधि के लिए निवेश करना है और जो बड़ा फंड बनाने के लिए थोड़ा जोखिम ले सकते हैं. वे एसआईपी (SIP) रूट के जरिए फ्लेक्सी कैप या मल्टी कैप फंड्स में निवेश पर विचार कर सकते हैं. शेयर बाजार में उचार चढ़ाव बना रहा है तो ऐसे में उसके जोखिम से खुद को बचाने के लिए निवेशक एसआईपी (SIP) के जरिए निवेश करते हैं तो लंबी अवधि में खुद के लिए बड़ा कॉर्पस बना सकते हैं.
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