आईटी सेक्टर में बने मंदी जैसे हालात अब दूर तक असर दिखाने लगे हैं. इसका असर साफ-साफ अब जॉब मार्केट पर दिख रहा है. एक हालिया रिपोर्ट बताती है कि भारत में व्हाइट कॉलर जॉब के मामले में ओपनिंग कई महीनों के निचले स्तर पर है. बीते महीने इसमें अच्छी-खासी गिरावट आई और उसके लिए आईटी सेक्टर में हायरिंग का सुस्त होना मुख्य वजह है.


6 महीने में सबसे कम व्हाइट कॉलर जॉब


स्टाफिंग फर्म Xpheno के हवाले से ईटी की एक रिपोर्ट में बताया गया है- जुलाई में व्हाइट कॉलर जॉब की रिक्तियां कम होकर 2.60 लाख पर आ गईं. इससे पहले साल 2024 के पहले तीन महीने के दौरान ऐसी रिक्तियों में तेजी आ रही थी, लेकिन उसके बाद ट्रेंड पलट गया और व्हाइट कॉलर जॉब की रिक्तियां गिरते-गिरते जुलाई में लगभग 6 महीने के निचले स्तर पर आ गईं.


साल के 3 महीने आई थी जॉब में तेजी


रिपोर्ट के अनुसार, साल के पहले तीन महीने यानी जनवरी से मार्च 2024 के दौरान व्हाइट कॉलर जॉब की रिक्तियों में तेजी आई थी. मार्च 2024 के अंत में तो इस तरह की रिक्तियों का आंकड़ा बढ़कर 3 लाख 40 हजार पर पहुंच गया था, जो बीते 2 साल में सबसे ज्यादा था.


जुलाई में इतनी कम हुई वैकेंसी


हालांकि जुलाई की बात करें तो 2 लाख 60 हजार का आंकड़ा लगभग 30 फीसदी डाउन है. यानी व्हाइट कॉलर जॉब की ओपनिंग में पिछले 4 महीने के दौरान 30 फीसदी से ज्यादा गिरावट आई है. साल भर पहले यानी जुलाई 2023 की तुलना में पिछले महीने का आंकड़ा 4 फीसदी कम है, जबकि जुलाई 2021 की तुलना में रिक्तियों की संख्या 10 फीसदी कम है.


आईटी सेक्टर में हायरिंग की रफ्तार सुस्त


Xpheno ने लिंक्डइन, नौकरी डॉट कॉम, इनडीड, शाइन डॉट कॉम जैसे जॉब पोर्टल पर उपलब्ध ओपनिंग को कंपाइल कर यह रिपोर्ट तैयार की है. इसमें 1 साल या उससे ज्यादा के अनुभव वाले प्रोफेशनल्स के लिए व्हाइट कॉलर वैकेंसी के आंकड़े को शामिल किया गया है. रिपोर्ट के अनुसार, व्हाइट कॉलर जॉब में इस गिरावट का कारण आईटी सेक्टर में हायरिंग की रफ्तार का सुस्त होना है. आईटी कंपनियां इन दिनों प्रतिकूल परिस्थितियों से गुजर रही हैं, इस कारण हायरिंग पर उनका फोकस कम है.


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