(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Akhilesh Prasad: कौन हैं अखिलेश प्रसाद, ईशा अंबानी के बिजनेस को बढ़ाने में कैसे निभा रहे अहम रोल
Reliance Industries Business: ईशा अंबनी के बिजनेस को तेजी से आगे बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण रोल अखिलेश प्रसाद है, जो कंपनी के कारोबार को एक नया मोड़ दे रहे हैं.
रिलायंस इंडस्ट्रीज के तहत कई कंपनियां संचालित है. ईशा अंबानी की अगुवाई वाली कंपनी रिलायंस रिटेल भी इसी के तहत आता है. इसकी वैल्यू करंट टाइम में 112 अरब डॉल्र है और कई दिग्गज कंपनियों को पीछे छोड़ा है. इसी कारोबार से जुड़े आज हम एक ऐसे शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसने रिलायंस रिटेल को आगे बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाई है.
रिलायंस ट्रेंड्स के सीईओ, अखिलेश प्रसाद ने ट्रेंड्स को ऊंचाइयों पर ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और उनका हालिया कारोबार प्रीमियम फैशन ब्रांड एजोर्ट एच एंड एम और जरा जैसे प्रमुख ब्रांडों के साथ कंपीट करने के लिए तैयार है. 2006 में रिलायंस ट्रेंड्स ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों स्टोरों के साथ किफायती फैशन की पूर्ति करने वाले फैशन ब्रांड में एक प्रमुख भूमिका निभाई है.
कौन हैं अखिलेश प्रसाद
अखिलेश प्रसाद ने दिल्ली विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में ग्रेजुएशन की डिग्री पूरी की और दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में इकनोमिक में ग्रेजुएट की पढ़ाई की. उनके पास एमबीए की भी डिग्री है. वह 2003 में रिलायंस के सीओओ के रूप में शामिल हुए थे और 2018 में इसके चेयरमैन और सीईओ बनने से पहले महत्वपूर्ण पदों पर रहे. 32 साल से अधिक के कारोबार में उनका ध्यान इंडियन रिटेल मार्केट में रिलायंस रिटेल को टॉप पर पहुंचाना रहा है.
कारोबार को लेकर क्या है अखिलेश प्रसाद का प्लान
रिलायंस रिटेल को आगे बढ़ाने के लिए उन्होंने कई ऐसे फैशन ब्रांड को पेश किया है, जिसने मार्केट में प्रतिस्पर्धा का बढ़ा दी है. भारतीय फैशन और जीवनशैली क्षेत्र में प्रमुख खिलाड़ी बनने में सक्षम एक भारतीय फर्म स्थापित करने के सपने के साथ, वह ईशा अंबानी की रिलायंस रिटेल के निर्माण में महत्वपूर्ण रहे हैं. अखिलेश प्रसाद का कहना है कि मिड प्रीमियम फैशन सेगमेंट सबसे तेजी से बढ़ते यूजर्स सेगमेंट में से एक है.
रिलायंस रिटेल चौथी बड़ी कंपनी
100 अरब डॉलर से अधिक का मूल्यांकन रिलायंस रिटेल को दलाल स्ट्रीट पर बाजार पूंजीकरण के मामले में चौथी सबसे बड़ी कंपनी बनाता है, जिसका मूल्य आईसीआईसीआई बैंक , एचयूएल और आईटीसी से कहीं अधिक है.
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