2024 लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद अचानक शेयर मार्केट में आयी गिरावट से देश के निवेशकों को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ. इस घटना के लिए जिम्मेदार कौन है? उस पर क्या कार्रवाई हुई? इस सवाल का जवाब देते हुए वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि जितना बाजार उस एक दिन के दौरान गिरा, उसकी भरपाई अगले तीन दिनों में ही हो गई थी. 


वित्त राज्य मंत्री ने जवाब देते हुए कहा कि शेयर बाजार की चाल अन्य कारकों के साथ-साथ निवेशकों की धारणाओं पर भी निर्भर करती है. जिसमें अन्य बातों के अलावा, विदेशी पूंजी प्रवाह को प्रभावित करने वाले वैश्विक आर्थिक परिदृश्य, घरेलू व्यापक आर्थिक पैरामीटर और समग्र कॉर्पोरेट प्रदर्शन शामिल हो सकते हैं.


तीन दिनों के भीतर ही पटरी पर आ गया था मार्केट


राज्य मंत्री ने जानकारी देते हुए कहा कि 16 मार्च 2024 को आम चुनावों की घोषणा के बाद से शेयर बाजार के बेंच मार्क सूचकांकों यानी सेंसेक्स और निफ्टी में तेजी का रुझान दिखा और 3 जून तक दोनों में 5.3% और 5.6% की बढ़ोतरी हुई. लेकिन 4 जून को यानी आम चुनाव के नतीजों की घोषणा के बाद सेंसेक्स और निफ्टी में 5.7% और 5.9% की गिरावट आई. हालांकि दोनों ही सूचकांक तीन दिनों के भीतर ठीक हो गए और 4 जून 2024 के बाद से रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए. 


27 नवंबर तक दोनों ही सूचकांक में  11.3% और 10.9% की बढ़ोतरी हो चुकी है. 4 जून को एनएसई और बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों के बाजार पूंजीकरण में कमी ज़रूर आई थी, पर पांच दिनों के अंदर ही वो वैल्यूएशन फिर हासिल हो गयी. तब से अब तक यानी 27 नवंबर तक इसमें लगभग ₹50 लाख करोड़ की बढ़ोतरी हो चुकी है.


विपक्ष ने बताया था बड़ा घोटाला


दरअसल, चुनाव के नतीजे से पहले आए एग्जिट पोल में एनडीए की 400 सीटों का आंकलन लगाया गया था, जिसके चलते शेयर बाजार में अचानक काफी तेजी देखी गई. लेकिन नतीजे उस तरह के नहीं आए जिसके चलते एक दिन में ही शेयर बाजार अचानक से काफी गिर गया था. विपक्षी पार्टियों ने उसे दौरान भी इसको मुद्दा बनाया था और निवेशकों के करोड़ों रुपये डूब जाने का आरोप लगाते हुए, इसको एक बड़ा घोटाला करार दिया था.


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