अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च भारत में अब काफी परिचित नाम बन चुकी है. इस कंपनी ने 2023 की शुरुआत में भारत के उस समय के सबसे अमीर व्यक्ति गौतम अडानी और उनके कारोबारी साम्राज्य को निशाना बनाया था, जिसके असर से अब तक अडानी व उनकी कंपनियां उबर नहीं पाई है. उस हिंडनबर्ग रिसर्च ने अब कजाखस्तान के एक अरबपति को निशाना बनाया है.
हिंडनबर्ग ने लगाए ये आरोप
हिंडनबर्ग रिसर्च का ताजा शिकार बने हैं कजाखस्तान के कारोबारी तिमुर तुरलोव और उनकी कंपनी फ्रीडम होल्डिंग. तिमुर तुरलोव कजाखस्तान बेस्ड कंपनी फ्रीडम होल्डिंग के सीईओ हैं. अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग ने फ्रीडम होल्डिंग पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. हिंडनबर्ग का कहना है कि फ्रीडम होल्डिंग ने रूस पर लगाए गए आर्थिक प्रतिबंधों का उल्लंघन किया है. इसके अलावा हिंडनबर्ग ने फेक रेवेन्यू दिखाने का भी आरोप लगाया है. वहीं फ्रीडम होल्डिंग ने हिंडनबर्ग के आरोपों को कयासबाजी बताया है.
इस तरह से कमाती है हिंडनबर्ग
दरअसल अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च दुनिया भर के अरबपतियों और उनकी कंपनियों को निशाना बनाकर कमाई करने के लिए कुख्यात है. हिंडनबर्ग रिसर्च जिस भी कंपनी को निशाना बनाती है, पहले उसके शेयरों को शॉर्ट करती है. उसके बाद वह टारगेट कंपनी के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए रिपोर्ट जारी करती है. रिपोर्ट और उसमें लगे आरोपों के बाद स्वाभाविक तौर पर टारगेट कंपनी के शेयर गिरते हैं और इस तरह से हिंडनबर्ग को मोटी कमाई हो जाती है.
अडानी, डोर्सी, इकान भी बने निशाना
हिंडनबर्ग ने जनवरी 2023 में अडानी समूह को टारगेट पर लिया था. उसके बाद अडानी समूह के सभी शेयरों में भारी बिकवाली देखी गई. रिपोर्ट आने से पहले गौतम अडानी भारत व एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति थे. उनकी गिनती दुनिया के तीन सबसे अमीर लोगों में होने लगी थी, लेकिन रिपोर्ट के बाद वह टॉप-30 से भी बाहर हो गए थे. उसके बाद हिंडनबर्ग रिसर्च ट्विटर के को-फाउंडर जैक डोर्सी की नई स्टार्टअप स्क्वेयर इंक और अरबपति कार्ल इकान को भी निशाना बना चुकी है.
ऐसा हुआ है फ्रीडम पर असर
फ्रीडम होल्डिंग एक कैपिटल मार्केट कंपनी है, जो सेंट्रल एशिया व ईस्टर्न यूरोप में रिटेल ब्रोकरेज से लेकर इन्वेस्टमेंट बैंकिंग जैसी सर्विसेज प्रोवाइड करती है. यह कजाखस्तान बेस्ड मल्टीनेशनल कॉरपोरेट है, जो टेक फोकस्ड अमेरिकी एक्सचेंज नासडैक पर भी लिस्टेड है. इसकी बाजार वैल्यू रिपोर्ट आने से पहले 4.6 बिलियन डॉलर थी. फ्रीडम होल्डिंग ने भले ही हिंडनबर्ग के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया हो, लेकिन उसके ऊपर नकारात्मक असर पड़ा है. रिपोर्ट आने के बाद कंपनी के शेयर 7 महीने के निचले स्तर पर आ गए हैं.
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