Income Tax Clearance Certificate: विदेश यात्रा करने से पहले भारतीय नागरिकों (Indian Citizens) के लिए इनकम टैक्स क्लीयरेंस सर्टिफिकेट (Income-Tax Clearance Certificate) हासिल करने को लेकर फैल रही गलत खबरों को लेकर सीबीडीटी (CBDT) ने स्पष्टीकरण जारी किया है. अपने बयान में टैक्स विभाग ने कहा, ये गलत प्रचार किया जा रहा है कि देश छोड़ने से पहले सभी नागरिकों के लिए इनकम टैक्स क्लीयरेंस सर्टिफिकेट लेना जरूरी है. सीबीडीटी के मुताबिक ये सत्य से परे है. 


सभी नागरिकों पर नियम लागू नहीं


किन मामलों में इनकम टैक्स क्लीयरेंस सर्टिफिकेट की आवश्यकता होगी इसे लेकर सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स ने विस्तार से जानकारी दी है. टैक्स डिपार्टमेंट ने कहा, इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 230 के तहत सभी नागरिकों के लिए विदेश यात्रा करने से पहले टैक्स क्लीयरेंस सर्टिफिकेट हासिल करना जरूरी नहीं है. कुछ व्यक्तियों के मामलों में, विशेष परिस्थिति में टैक्स क्लीयरेंस सर्टिफिकेट हासिल करना जरूरी है. सीबीडीटी ने बताया कि 2003 से ही ये प्रावधान मौजूद है और फाइनेंस (नंबर 2) एक्ट 2024 में संशोधन के बावजूद इस व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं किया गया है.   


वित्तीय फ्रॉड में शामिल व्यक्ति पर नियम लागू


इनकम टैक्स विभाग ने बताया कि 5 फरवरी 2024 को ही सीबीडीटी ये स्पष्ट कर चुका है कि इनकम टैक्स एक्ट के अंडर सेक्शन 230(1A) के तहत भारत में रहने वाले किन नागरितों को देश छोड़ने से पहले इनकम टैक्स क्लीयरेंस सर्टिफिकेट की जरूरत होगी. मसलन, अगर कोई व्यक्ति गंभीर वित्तीय अनियमितताओं में शामिल है और इनकम टैक्स एक्ट (Income Tax Act) या वेल्थ टैक्स एक्ट (Wealth Tax Act) के तहत इन मामलों की जांच के लिए उस व्यक्ति का देश में होना जरूरी है और उस व्यक्ति के खिलाफ टैक्स डिमांड जारी किया जा सकता है तो ऐसे व्यक्ति को देश छोड़ने से पहले टैक्स क्लीयरेंस सर्टिफिकेट हासिल करना होगा. 


10 लाख रुपये से टैक्स एरियर होने पर...


साथ ही अगर किसी व्यक्ति पर 10 लाख रुपये से ज्यादा डायरेक्ट टैक्स एरियर बकाया है और किसी भी अथॉरिटी ने इस पर रोक नहीं लगाई है तो ऐसे व्यक्ति को भी देश छोड़ने से पहले टैक्स क्लीयरेंस सर्टिफिकेट हासिल करना होगा. किसी भी व्यक्ति को इनकम टैक्स सर्टिफिकेट हासिल करने के लिए कहने से पहले कारणों को रिकॉर्ड करना होगा साथ ही प्रिंसिपल चीफ कमिश्नर ऑफ इनकम टैक्स या चीफ कमिश्नर ऑफ इनकम टैक्स से मंजूरी प्राप्त करना होगा. सीबीडीटी ने अपनी सफाई में कहा कि भारतीय नागरिकों को विशेष मामले जिसमें गंभीर वित्तीय फ्रॉड को अंजाम दिया गया हो 10 लाख रुपये से ज्यादा टैक्स डिमांड बकाया हो तो ऐसे मामलों में ही देश छोड़ने से पहले इनकम टैक्स क्लीयरेंस सर्टिफिकेट लेना होगा. 


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