First Budget of India: हर साल एक फरवरी को केंद्र सरकार (Government of India) देश का आम बजट (Union Budget) पेश करती है. इसमें साल भर के खर्चों और आय का लेखा-जोखा होता है. देश की जनता उम्मीदों के साथ हर साल बजट पर ध्यान लगाए बैठी रहती है. इस साल केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) छठवीं बार बजट पेश करने वाली हैं. चुनावी साल में आ रहे इस बजट से लोगों को कई तरह की खुशखबरी मिलने की उम्मीद है. आज हम आपको बजट के विकास से जुड़ी रोचक जानकारियां बताने जा रहे हैं. 


अंग्रेजों के राज में ही आ गया था पहला बजट 


केंद्रीय बजट पेश करने की परंपरा ब्रिटिश शासन काल के समय से ही पड़ गई थी. देश का पहला बजट अंग्रेजों के शासन काल में ही 1860 में आया था. इसके बाद लगातार बजट को लाने के समय में कई बार सुधार किए गए. 


पहला बजट किसने पेश किया 


आज भले ही वित्त मंत्री बजट को देश के सामने पेश करते हों. मगर, देश का पहला बजट ईस्ट इंडिया कंपनी से जुड़े स्कॉटिश अर्थशास्त्री जेम्स विल्सन (James Wilson) ने अप्रैल, 1860 में पेश किया था. आजादी के बाद 26 नवंबर, 1947 को पहली बार आरके शनमुखम चेट्टी (RK Shanmukham Chetty) ने पेश किया था. वित्तीय विशेषज्ञ होने के साथ ही चेट्टी वकील भी थे. खास बात यह है कि आजाद भारत के पहले बजट में टैक्स प्रस्ताव नहीं थे. इसमें 15 अगस्त, 1947 से 31 मार्च, 1948 तक के लिए सिफारिशें की गई थीं. 


1955 में पहली बार हिंदी में पेश किया गया बजट  


आजाद भारत में भी अंग्रेजों की परंपरा का पालन करते हुए साल 1955 तक बजट सिर्फ अंग्रेजी में होता था. 1955-56 से इसमें हिंदी को भी शामिल किया गया. देश के तीसरे वित्त मंत्री और पहले रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) गवर्नर सीडी देशमुख (CD Deshmukh) ने हिंदी भाषा में बजट उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. देशमुख को ब्रिटिश सरकार ने 11 अगस्त, 1943 को आरबीआई का गवर्नर नियुक्त किया था. उनका कार्यकाल 30 जून, 1949 तक रहा.


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