नई दिल्लीः खाने-पीने की चीजों की कीमतों में नरमी के चलते थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई दर में कमी आई है. जनवरी में थोक महंगाई दर गिरकर 6 महीने के निचले स्तर 2.84 फीसदी पर आ गयी है. हालांकि इस दौरान सब्जियों के भाव ऊपर बने हुए थे. दिसंबर 2017 में थोक महंगाई दर 3.58 फीसदी और जनवरी 2017 में थोक महंगाई दर 4.26 फीसदी थी. जनवरी में थोक महंगाई दर 6 महीने के निचले स्तर 2.84 फीसदी पर आ गयी है. पिछला निम्न स्तर जुलाई में 1.88 फीसदी दर्ज किया गया था.


आज जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, इस बार जनवरी में खाद्य वस्तुओं की थोक कीमतों में औसत वृद्धि सालाना आधार पर 3 फीसदी रही. जबकि दिसंबर 2017 में थोक खाद्य महंगाई दर 4.72 फीसदी थी.


सब्जियों का थोक मूल्य सूचकांक एक साल पहले की तुलना में 40.77 फीसदी ऊपर रहा. इससे पिछले महीने सब्जियों का सूचकांक 56.46 फीसदी की ऊंचाई पर था. जनवरी में प्याज के भाव सालाना आधार पर 193.89 फीसदी ऊंचे रहे.


दाल-दलहनों के वर्ग में
दाल-दलहनों के वर्ग में थोक कीमतें एक साल पहले की तुलना में इस बार जनवरी में 30.43 फीसदी नीचे रही. इसी तरह गेहूं और मोटे अनाज के भावों में क्रमश: 6.94 फीसदी और 1.98 फीसदी की नरमी देखी गयी. इसी तरह अंडे, मांस और मछली की थोक कीमतें भी 0.37 फीसदी नीचे आईं जबकि फलों की कीमतें 8.49 फीसदी ऊपर रही.


ईधन और बिजली वर्ग
ईधन और बिजली वर्ग में थोक महंगाई दर जनवरी में 4.08 फीसदी रही जबकि मैन्यूफैक्चर्ड वस्तुओं का थोक मूल्य सूचकांक जनवरी में 2.78 फीसदी ऊंचा था.


इसी हफ्ते की शुरुआत में जारी खुदरा महंगाई दर सूचकांक के आधार पर जनवरी में खुदरा महंगाई दर घटकर 5.07 फीसदी थी. रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति तय करने में खुदरा महंगाई दर पर ही गौर करता है. पिछले हफ्ते द्विमासिक समीक्षा में केंद्रीय बैंक ने महंगाई दर की चिंताओं के मद्देनजर नीतिगत ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं किया था.


आरबीआई ने जनवरी-मार्च तिमाही में खुदरा महंगाई दर 5.1 फीसदी रहने का अनुमान जताया है जबकि अप्रैल-सितंबर में 5.1 फीसदी से 5.6 फीसदी के दायरे में रहने का अनुमान है.