खुदरा महंगाई के साथ ही थोक महंगाई दर में भी गिरावट आई है. दिसंबर (2020) में 1.22 फीसदी की गिरावट आई है. थोक मूल्यकांक सूचकांक पर आधारित महंगाई में यह चार महीने की सबसे बड़ी गिरावट है. खाने-पीने की चीजों की महंगाई घटने से थोक महंगाई दर में यह गिरावट दर्ज की गई है. खास कर सब्जियों के दाम में गिरावट से खाद्य महंगाई दर में नरमी आई है. इसमें दिसंबर में गिरावट -13.2 फीसदी पर पहुंच गई. जबकि नवंबर में इसमें 12.24 फीसदी की गिरावट आई थी.सब्जियों में प्याज की कीमत में सबसे ज्यादा गिरावट आई. प्याज की कीमत अपने उच्चतम स्तर से आधे पर आ गई. वहीं आलू के दाम में 37.75 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई.


खाने-पीने की चीजों की कीमतों में गिरावट से महंगाई में कमी 


सरकारी आंकड़ों के मुताबिक दिसंबर, 2019 में थोक महंगाई दर 2.76 फीसदी थी, खाने-पीने की चीजों की कीमतों में कमी से दिसंबर, 2020 में थोक महंगाई दर में गिरावट आई है. दिसंबर 2020 में फूड इंडेक्स पर आधारित महंगाई दर 0.92 फीसदी रह गई है, जो कि नवंबर, 2020 में खाद्य वस्तुओं की थोक महंगाई दर 4.27 फीसदी थी. इसके अलावा दिसंबर में प्राथमिक वस्तुओं की थोक महंगाई दर पिछले महीने के 2.72 फीसदी से से घट कर -1.61 फीसदी और मैन्यूफैक्चर्ड प्रोडक्ट की थोक महंगाई दर 2.97 फीसदी से बढ़ कर 4.24 फीसदी रही है.


ब्याज दरों में गिरावट के आसार 


दिसंबर में दूध की थोक महंगाई नवंबर के 5.53 फीसदी से घटकर 3.91 फीसदी जबकि अंडे और मीट की थोक महंगाई 0.61 फीसदी से बढ़कर 1.41 फीसदी रही.
रिेटेल और थोक महंगाई कम होने से आरबीआई की मौद्रिक समीक्षा में ब्याज दरों की कटौती की संभावना बढ़ गई है. लोन दरों में गिरावट से ईएमआई के मोर्चे पर राहत मिल सकती है.


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