WPI Inflation: सब्जियों के दामों की महंगाई के चलते जुलाई में बढ़ गई थोक महंगाई दर, जानें जून में कितनी रही
Wholesale Price Index Inflation: जुलाई में थोक महंगाई दर में सालाना आधार पर 1.36 फीसदी की गिरावट देखी गई है जो कि जून में -4.12 फीसदी पर रही थी.
Wholesale Price Index: जुलाई में थोक महंगाई दर में सालाना आधार पर 1.36 फीसदी की गिरावट देखी गई है. इससे पिछले महीने यानी जून 2023 में थोक महंगाई दर में 4.12 फीसदी की गिरावट देखी गई थी. इस तरह देखा जाए तो ये भले ही माइनस में बनी हुई है लेकिन इससे पिछले महीने की तुलना में इसमें इजाफा देखा गया है.
वाणिज्य मंत्रालय ने क्या कहा
वाणिज्य मंत्रालय ने एक प्रेस रिलीज में कहा कि जुलाई 2023 में महंगाई दर में गिरावट देखी गई है. इसके पछे मुख्य कारण खनिज तेलों, बेसिक मेटल्स, कैमिकल और कैमिकल प्रोडक्ट्स, टैक्सटाइल और फूड प्रोडक्ट्स के दाम में गिरावट के कारण देखी गई है.
खाद्य महंगाई दर में बढ़ी गिरावट
जुलाई में फूड आर्टिकल्स की महंगाई दर कुल 14.25 फीसदी पर रही है जो इस बात का साफ संकेत है कि खाने-पीने की चीजों के दाम बढ़ रहे हैं. दालों की महंगाई दर 9.59 फीसदी पर रही है. इसके अलावा सब्जियों की महंगाई दर देखें तो ये आसमान पर रही है. इस बार सब्जियों की महंगाई दर कुल 62.12 फीसदी पर रही है.
फ्यूल की कीमतों में नरमी और खाद्य पदार्थों के दाम बढ़ने के बीच यह लगातार चौथा महीना है जब थोक मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर शून्य से नीचे रही है. यह लगातर अप्रैल से शून्य से नीचे बनी हुई है. जून में यह (-) 4.12 फीसदी थी. पिछले साल जुलाई में यह 14.07 फीसदी थी. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक जुलाई में खाद्य पदार्थों की महंगाई दर 14.25 फीसदी रही, जो जून में 1.32 फीसदी थी.
जानें महंगाई दर के अन्य आंकड़ें
ईंधन और बिजली खंड की महंगाई दर जुलाई में (-)12.79 फीसदी रही, जो जून में (-)12.63 फीसदी थी. विनिर्मित उत्पादों की महंगाई दर मई में (-)2.51 फीसदी रही. जून में यह (-)2.71 फीसदी थी.
भारतीय रिजर्व बैंक ने क्या कहा था
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बढ़ती खुदरा महंगाई को काबू में रखने के साथ अर्थव्यवस्था को गति देने के मकसद से लगातार तीसरी बार नीतिगत दर रेपो को 6.5 फीसदी पर पिछले सप्ताह बरकरार रखा था. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था, "महंगाई दर को लेकर अभी काम खत्म नहीं हुआ है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में खाद्य वस्तुओं, ऊर्जा के दाम में उतार-चढ़ाव तथा भू-राजनीतिक तनाव बने रहने तथा मौसम संबंधित अनिश्चितताओं के कारण महंगाई दर को लेकर जोखिम बना हुआ है."
आरबीआई ने खाद्य वस्तुओं के दाम के कारण उत्पन्न दबाव का हवाला देते हुए चालू वित्त वर्ष 2023-24 के लिए महंगाई दर का अनुमान 5.1 फीसदी से बढ़ाकर 5.4 फीसदी कर दिया है. जुलाई-सितंबर तिमाही में महंगाई दर 6.2 फीसदी रहने का अनुमान है जो पहले के 5.2 फीसदी के अनुमान से ज्यादा है.
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