थोक महंगाई दर में गिरावट, जून में घटकर 5.09% पर आई
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक खाद्य क्षेत्र में थोक मुद्रास्फीति जुलाई में शून्य से 2.16 फीसदी नीचे रही जबकि जून में इसमें 1.80 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई थी.
नई दिल्लीः थोक मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर जुलाई में घटकर 5.09 फीसदी पर रही. थोक महंगाई दर जून में 5.77 फीसदी थी. जबकि पिछले साल जुलाई में यह 1.88 फीसदी थी. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इसकी मुख्य वजह खाने-पीने के सामान, फलों और सब्जियों की कीमत कम रहना है.
खाने-पीने के सामान की महंगाई दर वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक खाद्य क्षेत्र में थोक मुद्रास्फीति जुलाई में शून्य से 2.16 फीसदी नीचे रही जबकि जून में इसमें 1.80 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई थी.
सब्जियों की महंगाई दर इसी तरह सब्जियों में थोक महंगाई जुलाई में 14.07 फीसदी घटी जबकि जून में इसमें 8.12 फीसदी की बढ़त देखी गई थी. वहीं फलों के थोक भाव जुलाई में 8.81 फीसदी घटे हैं जबकि जून में यह 3.87 फीसदी बढ़े थे.
दालें दालों की कैटेगरी में थोक मुद्रास्फीति शून्य से 17.03 फीसदी नीचे रही. हालांकि जून में यह शून्य से 20.23 फीसदी नीचे थी. कल जारी आंकड़ों के मुताबिक खुदरा मुद्रास्फीति जुलाई में 4.17 फीसदी रही जो जून में 4.9 फीसदी थी.
रेटिंग एजेंसी इक्रा की प्रमुख अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, "सब्जियों, फलों और दाल के भाव गिरने से तीन महीने बाद प्राथमिक खाद्य पदार्थों में सालाना आधार पर मुद्रास्फीति दर में गिरावट आई है. अगस्त 2018 में सब्जी, चीनी, दूध, दाल और अनाज के भाव में मासिक आधार पर तेजी आने की उम्मीद है. इसके बावजूद प्राथमिक खाद्य क्षेत्र में सालाना आधार पर मुद्रास्फीति दर में नरमी जारी रह सकती है." नॉन फूड सेक्टर में थोक मुद्रास्फीति जुलाई में बढ़कर 3.96 फीसदी पर पहुंच गयी, जो कि जून में 3.81 फीसदी थी. फ्यूल और पावर केटेगरी और मैन्यूफैक्चरिंग गुड्स की महंगाई क्रमश: 18.10 फीसदी और 4.26 फीसदी बढ़ी. डॉलर के मुकाबले रुपया इतिहास के सबसे निचले स्तर पर, 70 के पार पहुंचा डॉलर के मुकाबले तेज़ी से गिरता रुपया देश के लिए एक बड़ी परेशानी उत्तर रेलवे ने 301 ट्रेनों का समय बदला, यहां जानें ट्रेनों का नया समय अब आप आसानी से जुटा सकते हैं 8 करोड़ का रिटायरमेंट फंड