Wholesale Price Index: भारत के होलसेल प्राइस इंडेक्स (WPI) के आधार पर थोक महंगाई दर अगस्त में 1.31 फीसदी रही है जबकि जुलाई में यह 2.04 फीसदी पर थी. यह महंगाई दर पिछले 4 महीने में सबसे कम है. कॉमर्स एंड इंडस्ट्री मंत्रालय (Ministry of Commerce and Industry) ने मंगलवार को आंकड़े जारी किए और इसके अनुसार मुख्य रूप से खाद्य महंगाई दर में कमी के चलते इस बार थोक महंगाई दर में गिरावट देखी गई है.


खाद्य महंगाई दर या फूड आर्टिकल्स की थोक महंगाई दर


अगस्त में खाद्य महंगाई (Food Price Inflation) 3.11 फीसदी रही है. जुलाई में यह 3.45 फीसदी थी. यह कमी खाने-पीने की चीजों और बनाए जाने वाले प्रोडक्ट के दाम में आई कटौती की वजह से दिखाई पड़ रही है.


फूड आर्टिकल्स की थोक महंगाई दर देखें तो अनाज के दाम में 8.44 फीसदी, धान के भाव में 9.12 फीसदी और दालों की कीमतों में 18.57 फीसदी गिरावट आई है. हालांकि प्याज की कीमत में थोड़ी ज्यादा गिरावट देखी गई और अगस्त में इसकी थोक महंगाई दर में 65.75 फीसदी की गिरावट आई. महंगाई दर में इतनी कमी के बावजूद इसकी महंगाई दर ज्यादा देखी गई लेकिन दूसरी ओर अगस्त महीने में आलू की थोक महंगाई दर में 77.96 फीसदी की बंपर तेजी देखी गई. वहीं फलों के दाम में 16.7 फीसदी की बढ़ोतरी तेजी देखी गई.


थोक महंगाई दर के घटने के खास कारण जानें


सब्जियों, खाद्य पदार्थों और फ्यूल के सस्ते होने से थोक महंगाई दर में लगातार दूसरे महीने गिरावट आई और अगस्त में यह 1.31 फीसदी रही. थोक मूल्य सूचकांक (WPI) आधारित थोक महंगाई दर में जुलाई में 2.04 फीसदी थी जबकि एक साल पहले अगस्त 2023 में यह -0.46 फीसदी रही थी यानी शून्य से नीचे चली गई थी. फ्यूल और पावर सेगमेंट में थोक महंगाई दर अगस्त में 0.67 फीसदी रही जो जुलाई में 1.72 फीसदी पर रही थी. यानी इस सेगमेंट की थोक महंगाई खासी नीचे गई है.


कॉमर्स मिनिस्ट्री ने क्या कहा


कॉमर्स मिनिस्ट्री ने कहा कि अगस्त 2024 में खाने-पीने के सामान, प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट्स के अलावा मैन्यूफैक्चरिंग, क्लोथ मैन्यूफैक्चरिंग और मशीनरी-इक्विपमेंट आदि की मैन्यूफैक्चरिंग कीमतों में इजाफा देखा गया है.


अगस्त में रिटेल महंगाई दर में देखी गई थी बढ़त


पिछले हफ्ते सब्जियों की बढ़ती कीमतों के कारण अगस्त में रिटेल महंगाई दर 3.65 फीसदी रही जबकि जुलाई में सीपीआई इंफ्लेशन 3.60 फीसदी पर रही थी. 


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