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BSE Sensex: रिटेल निवेशकों के दम पर सरपट भाग रहा भारतीय शेयर बाजार, 5 साल के भीतर ही सेंसेक्स पा सकता है 1 लाख का मुकाम

Sensex @100000: दिग्गज निवेशक मार्क मोबियस ने कहा है कि सेंसेक्स 5 वर्षों में 1 लाख के आंकड़े को पार कर लेगा. लेकिन जैसी तेजी है महज तीन साल में सेंसेक्स ये मुकाम हासिल कर सकता है.

BSE Sensex At 1 Lakh Points: महज एक महीने पुरानी बात है जब दिग्गज इंटरनेशनल निवेशक और निवेश गुरु मार्क मोबियस ने कहा था कि बीएसई का बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स 5 वर्षों में 1,00,000 के आंकड़े को छूने में कामयाब होगा. जब मार्क मोबियस ने ये भविष्यवाणी की थी तो सेंसेक्स 63,800 के करीब ट्रेड कर रहा था. और उनके इस भविष्यवाणी के एक महीने बाद ही सेंसेक्स अपने लाइटाइम हाई 70,000 के ऐतिहासिक हाई को छूने के कगार पर है. यानि उनके इस बयान के बाद से सेंसेक्स में 10 फीसदी के करीब का उछाल आ चुका है.  

नहीं करना होगा 1 लाख छूने के लिए 5 साल इंतजार? 

1 दिसंबर, 2023 को चुनावों को लेकर एग्जिट पोल आया. बाजार को पहले ही नतीजों का अनुमान हो गया था. 1 - 6 दिसंबर के बीच चार ट्रेडिंग सेशन में सेंसेक्स में 2600 और निफ्टी में 825 अंकों से ज्यादा का उछाल आ चुका है. शेयर बाजार में लिस्टेड स्टॉक्स का मार्केट कैप में 13 लाख करोड़ रुपये का उछाल बीते चार दिनों में आ चुका है. 

लेकिन बाजार में देसी - विदेशी निवेशकों से लेकर रिटेल निवेशक जिस प्रकार अपना निवेश बढ़ा रहे हैं ऐसे में ये लगने लगा है कि सेंसेक्स को 1 लाख के आंकड़े को छूने के लिए पांच साल का इंतजार नहीं करना होगा. साल 2023 में सेंसेक्स में करीब 15 फीसदी का उछाल आ चुका है और यही तेजी की रफ्तार जारी रही तो अगले तीन साल में ही सेंसेक्स 1 लाख के आंकड़े को पार करने में सफल साबित हो सकता है. ऐसा हुआ तो शेयर बाजार के वैल्यूएशन में जोरदार इजाफा देखने को मिलेगा. और इस दौरान जो निवेशक बाजार में निवेशित होंगे उन्हें मोटा मुनाफा होने की उम्मीद है. 

रिटेल निवेश होंगे मालामाल 

म्यूचुअल फंड में निवेश इन दिनों निवेशकों को बेहद रास आ रहा है. बैंकों में एफडी करने की जगह लोग अब म्यूचुअल फंड में निवेश को ज्यादा तरजीह दे रहे हैं. इससे वे अप्रत्यक्ष तौर पर शेयर बाजार में निवेश कर तेजी का लाभ उठा रहे हैं. म्यूचुअल फंड में भी निवेशक एकमुश्त निवेश की जगह सिस्टमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान (Systematic Invsetment Plan) के जरिए निवेश को ज्यादा तरजीह दे रहे हैं. मौजूदा वित्त वर्ष 2023-25 के सात महीने के उपलब्ध डेटा के मुताबिक अप्रैल से अक्टूबर के दौरान म्यूचुअल फंड्स में सिस्टमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान के जरिए 107,216 करोड़ रुपये का निवेश आ चुका है. 

जबकि 2022-23 में पूरे वित्त वर्ष में 1.56 लाख करोड़ रुपये का निवेश आया था. यानि हर महीने औसतन 13,000 करोड़ रुपये जबकि मौजूदा वित्त वर्ष के पहले सात महीने में हर महीने औसतन 15,316 करोड़ रुपये के करीब निवेश आया है. 2021-22 में सिस्टमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान के जरिए 1.24 लाख करोड़ रुपये यानि औसतन हर महीने 10,333 करोड़ रुपये और 2020-21 में 96,080 करोड़ रुपये का निवेश आया था यानि हर महीने औसतन 8006 करोड़ रुपये. 

रिटेल निवेशक की बदौलत बाजार में तेजी  

पहले के ये कहा जाता था कि विदेशी निवेशकों के दम पर भारतीय शेयर बाजार में तेजी रहती है. वे निवेश करते हैं तो बाजार ऊपर जाता है और बिकवाली करते हैं तो गिरावट आती है. लेकिन कोरोना महामारी के बाद तस्वीर बदल चुकी है. कोरोना के बाद रूस यूक्रेन युद्ध, विकसित देशों में आर्थिक मंदी, इजरायल - हमास युद्ध, वैश्विक राजनीतिक संकट, मजबूत डॉलर, कच्चे तेल में उछाल जैसे बाजार को कई झटके लगे लेकिन बाजार में बड़ी गिरावट नहीं आई. 

इसकी वजह है कोरोना महामारी के बाद बाजार में निवेश के बदली हुई तस्वीर. कोरोना के बाद बाजार के सबसे बड़े निवेशक देश के रिटेल निवेशक बन चुके हैं. बाजार के चाल की दिशा और दशा रिटेल निवेशक अब तय कर रहे हैं. ये निवेशक शेयर बाजार में प्रत्यक्ष निवेश के अलावा केवल सिस्टमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान के जरिए हर महीने 15,000 करोड़ रुपये से ज्यादा निवेश कर रहे हैं. ये पैसा बाजार में ही एसेट मैनेजमेंट कंपनियां डालती हैं. आने वाले दिनों में SIP के जरिए किया जाने वाला निवेश के रकम के बढ़कर हर महीने 20,000 करोड़ के पार जाने का अनुमान है. कोरोना के बाद डिमैट खातों की संख्या में चार गुना इजाफा देखने को मिला और ये 4 करोड़ से बढ़कर 13 करोड़ से ज्यादा डिमैट खाते हो चुके हैं. ऐसे में भारतीय शेयर बाजार अब विदेशी निवेशकों पर निर्भर नहीं रह गया है. 

क्यों बाजार में जारी रहेगी तेजी? 

शेयर बाजार की नजर 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों पर है. बाजार हमेशा से केंद्र में स्थिर सरकार को प्राथमिकता देती आई है. और 2024 में लगातार तीसरी बार मोदी सरकार सत्ता में आती है तो बाजार में बड़ी तेजी देखने को मिल सकती है. इससे देसी विदेशी निवेशकों का बाजार पर भरोसा बढ़ेगा. यही नहीं भारत दुनिया की अभी पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था है और आने वाले वर्षों में तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था होने का माइलस्टोन हासिल कर सकता है. इन उपलब्धियों के हासिल करने के चलते भी शेयर बाजार का जोश हाई रहने की उम्मीद है. ऐसे में दुनियाभर के निवेशकों के लिए भारतीय शेयर बाजार निवेश करने का सबसे हॉट डेस्टीनेशनों में से एक हो सकता है. 

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