Crude Oil Import: रूस से भारत में कच्चे तेल के आयात में गिरावट आई है. दिसंबर के महीने में रुस से कच्चे तेल का आयात 13.2 परसेंट घटकर प्रतिदिन के हिसाब से 1.39 मिलियन बैरल रह गया है. जबकि नवंबर में यह आंकड़ा 1.61 मिलियन बैरल प्रतिदिन था. लंदन बेस्ड कमोडिटी डेटा एनालिटिक्स प्रोवाइडर वोर्टेक्सा के आंकड़ों से इसका खुलासा हुआ है. हालांकि, दिसंबर में दुनियाभर में कच्चे तेल के आयात के मामले में रूस पहले नंबर पर रहा. इसमें से 31 परसेंट कच्चे तेल का आयात अकेले भारत ने किया.
ये पांच देश रहे कच्चे तेल के सबसे बड़े सप्लायर
इसी दौरान देश के कुल कच्चे तेल आयात महीने दर महीने लगभग 4 परसेंट बढ़कर 4.46 मिलियन बैरल प्रतिदिन तक पहुंच गया है, जिसमें रूस के मुकाबले भारत ने कच्चे तेल का अधिक आयात इराक से किया.
वोर्टेक्सा में मार्केट एनालिस्ट जेवियर टैंग ने द फाइनेंशियल एक्सप्रेस को जानकारी दी, दिसंबर में दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में जिन देशों से कच्चे तेल का आयात किया उनमें रूस, इराक, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और अंगोला शामिल रहे. इनमें से अंगोला अमेरिका को पीछे छोड़ते हुए कच्चे तेल का पांचवा सबसे बड़ा सप्लायर बन गया है. जेवियर ने कहा, रूस से कच्चे तेल में गिरावट की प्रमुख वजह यह है कि भारत में रिफाइनर अफ्रीका और मिडिल ईस्ट से इसे आयात कराने लगे हैं.
इन दो देशों से भारत में सबसे ज्यादा होता है कच्चे तेल का आयात
भारत रूस और सऊदी अरब सबसे ज्यादा कच्चे तेल का आयात करता है, लेकिन दिसंबर में इन दो देशों को पछाड़ते हुए कच्चे तेल के आयात में संयुक्त अरब अमीरात और इराक की हिस्सेदारी बढ़ गई है. भारत में कच्चे तेल के आयात में इराक की हिस्सेदारी बढ़कर 23 परसेंट हो गई है, जो पहले 16 परसेंट थी.
आंकड़ों के अनुसार, इराक से आयात पिछले महीने 48.3 परसेंट बढ़कर 1.03 मिलियन बैरल प्रतिदिन हो गया है. टैंग आगे कहते हैं, हालांकि, मिडिल ईस्ट के मुकाबले भारत प्रति बैरल पर डिसकाउंट को देखते हुए कच्चे तेल के आयात के मामले में भारत रूस को प्राथमिकता देता रहेगा.
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