अपने वसीयत में करें फेसबुक-इंस्टाग्राम अकाउंट का भी जिक्र, थोड़ी सी अनदेखी पड़ सकती है भारी
Digital Asset Will: वसीयत बनाने वक्त हम डिजिटल एसेट का जिक्र करने से कई बार चूक जाते हैं, जबकि इनकी प्लानिंग बहुत जरूरी है. इसके लिए किसी भरोसेमंंद व्यक्ति को एक्जीक्यूटर बनाया जाना चाहिए.
Digital Asset Planning: डिजिटल होती जा रही आज की दुनिया में सोशल मीडिया अकाउंट्स से लेकर ऑनलाइन बैंक अकाउंट जैसे डिजिटल एसेट काफी मायने रखते हैं. लेकिन बावजूद इसके इंसान कई बार एसेट मैनेजमेंट प्लानिंग से चूक जाता है, जिससे इंसान की मृत्यु के बाद परिवार के सदस्यों व करीबियों को कई जरूरी जानकारियां हासिल करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है.
इस वजह से डिजिटल एसेट की प्लानिंग जरूरी
जमीन-जायदाद या दौलत की तरह ही डिजिटल एसेट के लिए भी वसीयत बनाने की जरूरत है, जिससे मृत्यु के बाद इनके हस्तांतरण में कोई परेशानी न हो और अगर कोई जरूरी डेटा हो, तो वह भी नष्ट न हो. डिजिटल एसेट की सुरक्षा कई उन्नत तकनीकि उपायों से की जा सकती है जैसे कि एन्क्रिप्शन, मजबूत पासवर्ड और टू फैक्टर अथॉन्टिकेशन या टू-स्टेप वेरिफिकेशन.
डिजिटल एसेट की एक पूरी लिस्ट बनानी चाहिए और वसीयत में इस बात का जिक्र करना चाहिए कि मरने के बाद ऑनलाइन अकाउंट्स, क्रिप्टोकरेंसी, नॉन-फंजिबल टोकन (NFT) से लेकर फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया अकाउंट किसे ट्रांसफर करना है. इससे एक तो कानूनन यह तय हो जाता है कि मरणोपरांत इन्हें संभालने की जिम्मेदारी किसे देनी है और एसेट की प्लानिंग के दौरान इनकी अनदेखी भी नहीं हो पाती है.
किसी भरोसेमंद को बनाएं एक्जीक्यूटर
वॉरमंड फिड्युसरी सर्विसेज लिमिटेड की सीईओ और प्रबंध निदेशक अनुराधा शाह ने बिजनेस टुडे से बात करते हुए कहा, 'एसेट मैनेजमेंट के लिए वसीयत बनाने के लिए आप एक एक्जीक्यूटर को नॉमिनी बना सकते हैं, जो आपके बाद इनकी देखरेख की जिम्मेदारी लें. एक्जीक्यूटर भरोसेमंद होने के साथ डिजिटल एसेट मैनेजमेंट की बारीकियों को समझने वाला होना चाहिए, जिसे पासवर्ड से लेकर रिकवरी तक की जानकारी हो ताकि जरूरत पड़ने पर कोई डेटा खोए नहीं और समय पर हाथ लग जाए.'
जब डिजिटल एसेट को ट्रस्ट के तहत रखा जाता है, तो ट्रस्टी को ट्रस्ट डीड में बताए अनुसार इसे मैनेज करना पड़ता है और इसकी सुरक्षा करनी पड़ती है. डिजिटल एसेट की वसीयत इसलिए बनाने की जरूरत पड़ती ताकि आपकी वैल्यूएबल जानकारी किसी गैर के हाथ न लगे, जो इसका इस्तेमाल किसी गलत काम के लिए करे और खामियाजा करीबियों को भुगतना पड़े.
ये भी पढ़ें