GST On Online Gaming: क्या ऑनलाइन गेमिंग (Online Gaming) पर 28 फीसदी जीएसटी (GST) लगाने का फैसला वापस होगा? ये सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि खुद सरकार के भीतर जीएसटी काउंसिल (GST Council) के ऑनलाइन गेमिंग पर 28 फीसदी जीएसटी लगाने के फैसले को सवाल खड़े किए जा रहे हैं. सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर (Rajeev Chandrashekhar) ने कहा कि उनका मंत्रालय जीएसटी काउंसिल से ऑनलाइन गेमिंग पर 28 फीसदी लगाने के फैसले पर फिर से विचार करने को कहेगा.
राजीव चंद्रशेखर ने सीएनएन-न्यूज 18 टाउन हॉल इवेंट में कहा कि हम जीएसटी काउंसिल के पास जायेंगे और उनसे ऑनलाइन गेमिंग पर 28 फीसदी जीएसटी लगाने के फैसले पर फिर से विचार करने को कहेंगे. उन्होंने कहा कि जीएसटी काउंसिल भारत सरकार नहीं है.
दरअसल जीएसटी काउंसिल के ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री पर 28 फीसदी जीएसटी लगाने का फैसले का इंडस्ट्री शुरू से ही विरोध कर रही है. इंडस्ट्री का मानना है कि इससे सेक्टर में निवेश घटने के साथ ही लोगों की नौकरियां इस फैसले के चलते जाएंगी. भारत की ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री का साइज 20 बिलियन डॉलर का हो चुका है. जनवरी 2021 से जून 2022 के बीच गेमिंग कंपनियों ने 1.5 बिलियन डॉलर का निवेश जुटाया है. गेमिंग इंडस्ट्री का दावा है कि करीब 1 लाख लोगों को ये सेक्टर रोजगार प्रदान कर रही है. फइलहाल रेवेन्यू 2.5 बिलियन डॉलर है जो 2025 तक दोगुना हो सकता है.
गेमिंग इंडस्ट्री का मानना है कि जीएसटी काउंसिल के फैसले से इंडस्ट्री को झटका लगा ही है. कंपनियों के कैश फ्लो पर इस फैसले का असर पड़ेगा. कंपनियां इससे गेमिंग इंडस्ट्री में इनोवेशन पर फोकस नहीं कर पाएंगी साथ ही सेक्टर में निवेश भी घटेगा. इस फैसले के चलते ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर में जॉब लॉस देखने को मिल सकता है. साथ ही भारतीय कंपनियों के लिए विदेशी कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा करना मुश्किल होगा. इस फैसले से कस्टमर को बड़ा नुकसान है जो ऑनलाइन गेम्स खेलते हैं. 28 फीसदी के जीएसटी के साथ उनके लिए ऑनलाइन गेमिंग बेहद महंगा हो गया है.
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