7th Pay Commission Dearness Allowance: देश के सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए बड़ी खबर है. उन्हें कोविड-19 के संकटकाल के दौरान जो महंगाई भत्ता और महंगाई राहत यानी डियरनेस अलाउंस और डियरनेस रिलीफ नहीं दिया गया था, वो अब मिलने की उम्मीद नजर आ रही है. दरअसल वित्त मंत्रालय को इस बारे में एक प्रस्ताव मिला है. इसके तहत सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स को कोविड-19 के संकटकाल के दौरान सस्पेंड किया गया 18 महीने का महंगाई भत्ता/महंगाई राहत दिए जाने की सिफारिश और मांग की गई है. अगर इसे मान लिया जाता है तो बजट में या इसके बाद सरकारी कर्मचारियों व पेंशनर्स को शानदार खबर मिल सकती है.
किसने दिया है प्रस्ताव
इकोनॉमिक टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक भारतीय प्रतीक्षा मजदूर संघ ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को इस आशय का पत्र लिखा है. मजदूर संघ की ओर से महासचिव मुकेश सिंह ने केंद्र सरकार के वित्त मंत्रालय से अनुरोध किया है कि जो डीए और डीआर जैसे भत्ते सस्पेंड कर रोक दिए गए थे, वो अब जारी कर दिए जाएं. कह सकते हैं कि केंद्र की मोदी सरकार करोड़ों सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स को लुभाने के लिए ये मांग पूरी कर सकती है, ऐसा मानकर ये सिफारिश की गई है.
कब से कब तक नहीं दिया गया था डीए और डीआर
कोविड-19 महामारी के दौरान जनवरी 2020 से जून 2021 के 18 महीनों के दौरान केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते और महंगाई राहत का पेमेंट सेटल कर दिया गया था यानी इसे सस्पेंड रखा गया था. हालांकि वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने पहले इस बारे में संसद में एक लिखित जवाब में कहा था कि वित्त वर्ष 2020-21 के कोविडकाल के चुनौतीपूर्ण रहने के कारण इस अवधि के DA/DR के एरियर देना मुमकिन नहीं लग रहा है.
क्यों फरवरी तक जारी हो सकता है महंगाई भत्ता/महंगाई राहत एरियर
माना जा रहा है कि मोदी सरकार केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को लुभाने के लिए महंगाई भत्ते और महंगाई राहत में बढ़ोतरी का फैसला जनवरी से फरवरी महीने के बीच ले सकती है. दरअसल 2024 के लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग की ओर से मार्च के पहले हफ्ते में किए जाने की उम्मीद है. चुनाव तारीखों के ऐलान के साथ ही देश में आचार संहिता लागू हो जाएगी. उसके बाद केंद्र सरकार महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी नहीं कर पाएगी.
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