नई दिल्ली: पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) को भगोड़े बिजनेसमैन विजय माल्या की संपत्ति बेचने से बकाया लोन की वसूली की उम्मीद है. पीएनबी के एमडी और सीईओ एसएस मल्लिकार्जुन राव ने शनिवार को कहा बैंकों के एक कंसोर्टियम के 5,646 करोड़ रुपये की वसूली के बाद बैंक को उसका हिस्सा मिल जाएगा. 


राव ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिग एक्ट (पीएमएलए) अदालत ने बैंकों को 5,646 करोड़ ऋण की वसूली के लिए माल्या से संबंधित कुछ रियल एस्टेट संपत्तियों और सिक्योरिटी को बेचने की अनुमति दी है. उन्होंने कहा, "यह पहले प्रवर्तन निदेशालय के अधीन थी. अब लीड बैंक उन संपत्तियों को बेचेगा. किंगफिशर में पीएनबी का ज्यादा कर्ज नहीं है, लेकिन हमें अपना बकाया हिस्सा मिल जाएगा."


एसबीआई के नेतृत्व वाले कंसोर्टियम ने दिया था माल्या को लोन  
पीएनबी प्रमुख ने कहा कि अन्य बैंकों का पीएनबी से ज्यादा कर्ज है और बैंक धीरे-धीरे अपनी राशि की वसूली कर रहे हैं. मुंबई की विशेष पीएमएलए अदालत ने मंगलवार को बैंकों को 5,646 करोड़ रुपये की संपत्तियों की रिस्टोरेशन की अनुमति दी.


भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के नेतृत्व में बैंकों के एक कंसोर्टियम ने माल्या को लोन दिया था, अब कुछ अचल संपत्ति संपत्तियों और सिक्योरिटी को बेच सकेंगे. अदालत ने माल्या की जब्त की गई संपत्ति पर प्रवर्तन निदेशालय के दावे को हटाते हुए संपत्ति बैंकों को लौटाने के लिए कहा था. एसबीआई के नेतृत्व में बैंकों ने पीएमएलए के प्रावधानों के तहत जांच एजेंसी द्वारा अटैच माल्या की संपत्तियों के रिस्टोरेशन की मांग की थी.


सबसे ज्यादा लोन एसबीआई का बकाया
माल्या की बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस के 6,900 करोड़ रुपये के मूल ऋण में से एसबीआई के सबसे अधिक 1,600 करोड़ रुपये हैं. अन्य बैंकों में पंजाब नेशनल बैंक (800 करोड़ रुपये) और आईडीबीआई बैंक (800 करोड़ रुपये), बैंक ऑफ इंडिया (650 करोड़ रुपये), बैंक ऑफ बड़ौदा (550 करोड़ रुपये) और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (410 करोड़ रुपये) शामिल हैं. माल्या पर कथित तौर पर लगभग 9,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है. 


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