RBI MPC Meeting: भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank Of India) की तीनों दिन की मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक (Monetary Policy Committee Meeting) शुरू हो चुकी है और 9 अक्टूबर 2024 को आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी के फैसले का एलान करेंगे. अमेरिकी फेडरल रिजर्व (US Federal Reserve) के सितंबर 2024 में ब्याज दरों में कटौती के फैसले के बाद सस्ती ईएमआई (EMI) की उम्मीद पाले लोग यही उम्मीद आरबीआई से भी कर रहे हैं.
महंगाई में कमी पर क्रूड ऑयल ने बढ़ाई चिंता
आरबीआई के लिए राहत की बात ये है कि खुदरा महंगाई दर लगातार दो महीने जुलाई और अगस्त में उसके टोलरेंस बैंड 4 फीसदी के नीचे रही है. लेकिन चिंता की बात कच्चे तेल के दामों के मोर्चे पर है. ईरान-इजरायल तनाव के बाद कच्चे तेल की कीमतों में करीब 10 फीसदी का उछाल आ चुका है. आरबीआई की एमपीसी कमिटी मीटिंग पर नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन और एमडी शिशिर बैजल ने कहा, मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी में आरबीआई अपने पॉलिसी रेट्स में कोई बदलाव नहीं करेगा क्योंकि बेस इफेक्ट के चलते महंगाई को लेकर अभी और स्पष्टीकरण आना बाकी है. मिडिल ईस्ट (Middle East) में वैश्विक तनाव (Global Tension) की चिंताओं के क्रूड ऑयल (Crude Oil) की कीमतों पर असर से महंगाई के बढ़ने का खतरा बना हुआ है. उन्होंने कहा, ऊंचे ब्याज दर के बावजूद भारत के आर्थिक विकास की गति तेज बनी हुई है वहीं होम सेल्स जो कंजम्प्शन को दर्शाता है उसमें तेजी बनी हुई है. इन बातों के चलते आरबीआई रेपो रेट को फिलहाल 6.50 फीसदी पर ही रखेगा.
आने वाले दिनों में सस्ता होगा कर्ज!
यस बैंक ने भी मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की मीटिंग को लेकर एक रिसर्च नोट जारी किया है. अपने रिपोर्ट में बैंक ने कहा, हमें आरबीआई की ओर से एमपीसी मीटिंग में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद नहीं है. लेकिन आरबीआई का टोन भविष्य को लेकर उसकी नीति को स्पष्ट करेगा. यस बैंक के मुताबिक आरबीआई ब्याज दरों में कटौती से पहले ग्लोबल कमोडिटी प्राइसेज और अमेरिका में महंगाई के चलते जोखिमों को ध्यान में रखेगा. लेकिन ये तय है कि जब भी ब्याज दरों में कटौती की शुरुआत होगी तब 50 से 75 बेसिस प्वाइंट ब्याज दरों में कटौती की संभावना है.
दिसंबर से ब्याज दरों में कटौती संभव
रॉयटर्स ने हाल ही में जारी किए गए अपने पोल में बताया कि ज्यादातर अर्थशास्त्रियों का मानना है कि आरबीआई अगले छह महीने में आधा फीसदी यानि 50 बेसिस प्वाइंट्स तक ब्याज दरों में कटौती कर सकता है जिसकी शुरुआत अक्टूबर की एमपीसी मीटिंग नहीं बल्कि दिसंबर महीने में होने वाली मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक से हो सकती है. अर्थशास्त्रियों के पोल के मुताबिक रेपो रेट घटकर 6 फीसदी पर आ सकता है.
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