Windfall Tax: केंद्र सरकार ने पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स के एक्सोपर्ट पर टैक्स बढ़ाने का फैसला किया है. देश में उत्पादन होने वाले कच्चे तेल के बेचे जाने पर विंडफॉल टैक्स बढ़ाने का एलान किया है. घरेलू उत्पादित कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स को बढ़ाकर 13,300 रुपये प्रति टन कर दिया गया है. सरकार ने हवाई ईंधन के एक्सपोर्ट पर लगने वाले सेस को भी 2 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 9 रुपये प्रति लीटर कर दिया है. डीजल के निर्यात पर भी एडिशनल एक्साइज ड्यूटी को बढ़ाकर 12 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है जो पहले 6 रुपये प्रति लीटर था. 


सरकार ने एक जुलाई से देश की ऑयल रिफानिंग और मार्केटिंग कंपनियों पर निर्यात से हो रहे बड़े फायदे के मद्देनजर विंडफॉल टैक्स ( Windfall Tax) लगाने का फैसला किया था जिसकी हर 15 दिनों पर समीक्षा की जाती है. सरकार ने पेट्रोल डीजल और एटीएफ के निर्यात पर एक्सपोर्ट ड्यूटी बढ़ाने का फैसला लिया था.  


सरकार के इस फैसले का सबसे बड़ा असर रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर पर पड़ सकता है. क्योंकि वो पेट्रोल डीजल और हवाई ईंधन की बड़ी एक्सपोर्टरों में से एक है.वहीं क्रूड ऑयल का प्रोडक्शन भी करती है. ओएनजीसी, ऑयल इंडिया के शेयर पर भी इस फैसले का असर देखा जा सकता है.  


कंपनियों को हो रहा बड़ा मुनाफा 
दरअसल रूस और यूक्रेन युद्ध के चलते देश की सरकारी और खासतौर से प्राइवेट ऑयल रिफाइनरी कंपनियां रूस से सस्ते में कच्चा तेल आयात कर उसे रिफाइन करने के बाद  ऊंचे दाम पर विदेशों में पेट्रोल डीजल और हवाई ईंधन बेच रही है. जिससे उन्हें जबरदस्त मुनाफा हो रहा है.  वहीं घरेलू कच्चे तेल के भी एक्सपोर्ट पर भी इन कंपनियों को फायदा हो रहा है. जिसके चलते सरकार ने इन कंपनियों पर विंडफॉल टैक्स लगाया है. 


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