Windfall Tax: केंद्र सरकार ने तेल कंपनियों को बड़ा झटका दिया है और पेट्रोलियम क्रूड पर सरकार ने विंडफॉल टैक्स में इजाफा कर दिया है. पेट्रोलियम क्रूड पर सरकार ने विंडफॉल टैक्स 1600 रुपये प्रति टन से बढ़ाकर 4250 रुपये प्रति टन कर दिया है. बढ़ी हुई दरें 1 अगस्त यानी आज से लागू हो चुकी हैं. इससे पहले पेट्रोलियम क्रूड पर सरकार ने 15 जुलाई को दोबारा विंडफॉल टैक्स लगाया था और इसे 1600 रुपये प्रति टन कर दिया है.
डीजल पर भी सरकार ने लगाया विंडफॉल टैक्स
केंद्र सरकार ने डीजल पर भी विंडफॉल टैक्स लगा दिया है जो पहले शून्य पर था. डीजल पर सरकार ने 1 रुपये प्रति लीटर का विंडफॉल टैक्स लगा दिया है. 31 जुलाई को जारी एक नोटिफिकेशन के मुताबिक केंद्र सरकार ने ये नई टैक्स की दरें जारी की हैं. पेट्रोल और एटीएफ पर सरकार ने कोई विंडफॉल टैक्स नहीं लगाया है और इस पर यथास्थिति बरकरार रखी है.
कब से लागू हैं ये टैक्स
केंद्र सरकार ने 1 जुलाई 2022 से देश में कच्चे तेल के उत्पादन और एक्सपोर्ट पर स्पेशल एडिशनल एक्साइज ड्यूटी (SAED) को लगाने का फैसला लिया था और हर 15 दिनों में सरकार की ओर से इनकी समीक्षा की जाती है. इससे पहले 15 जुलाई को सरकार ने पेट्रोलियम क्रूड के उत्पादन पर विंडफॉल टैक्स बढ़ाकर 1600 रुपये प्रति टन पर कर दिया था.
क्यों लगाया सरकार ने ये टैक्स और क्या होगा असर
सरकार ने घरेलू तेल कंपनियों के पेट्रोल, डीजल, गैसोलीन, एविएशन टरबाइन फ्यूल और पेट्रोलियम क्रूड के एक्सपोर्ट के ऊपर विंडफॉल टैक्स के रूप में लेवी लगाई थी. ऐसा इसलिए किया गया था क्योंकि निजी तेल कंपनियां भारत में तेल बेचने की बजाए विदेशी बाजारों में जबरदस्त रिफाइनिंग मार्जिन हासिल कर रही थीं. सरकार ने इन कंपनियों के इसी मुनाफे पर टैक्स लगाया जिससे ये घरेलू बाजार में ये पेट्रोलियम उत्पाद बेचने के लिए प्रेरित हो सकें.
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