सरकार ने घरेलू स्तर पर उत्पादित होने वाले कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स में आज कटौती कर दी है. हालांकि अन्य पेट्रोलियम उत्पादों जैसे डीजल, पेट्रोल और विमानन ईंधन यानी ईटीएफ के मामले में कोई बदलाव नहीं हुआ है और टैक्स की दरों को शून्य पर स्थिर रखा गया है.


अब इतना हुआ कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स


एक सरकारी नोटिफिकेशन के अनुसार, घरेलू स्तर पर उत्पादित हो रहे कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स को आज से घटा दिया गया है. इस बदलाव के बाद अब डोमेस्टिक क्रूड ऑयल पर 4,600 रुपये प्रति टन की दर से विंडफॉल टैक्स लगेगा. नई दरें आज यानी 01 अगस्त 2024 से प्रभावी हो गई हैं. इससे पहले बीते महीने के दौरान कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स में लगातार दो बार बढ़ोतरी की गई थी और कल तक यह टैक्स 7 हजार रुपये प्रति टन की दर से लग रहा था.


उससे पहले सरकार ने जुलाई महीने की शुरुआत में भी कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स को बढ़ाया था. उस समय कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स को बढ़ाकर 6 हजार रुपये प्रति टन कर दिया गया था. आज से की गई कटौती लगातार दो बार की बढ़ोतरी के बाद आई है.


डीजल-पेट्रोल-एटीएफ पर नहीं बदली ड्यूटी


वहीं दूसरी ओर सरकार ने डीजल, पेट्रोल और विमानन ईंधन यानी एटीएफ पर एक्सपोर्ट ड्यूटी में कोई बदलाव नहीं किया है. नोटिफिकेशन के अनुसार, इस टैक्स को एक बार फिर से शून्य पर स्थिर बनाए रखने का फैसला लिया है. इसका मतलब हुआ कि घरेलू रिफाइनरों को डीजल, पेट्रोल और एटीएफ के निर्यात पर मिल रही छूट आगे भी बरकरार रहने वाली है. इससे उन घरेलू कंपनियों को फायदा होता रहेगा, जो रिफाइनरी चलाती हैं और अधिक मुनाफे के लिए डीजल-पेट्रोल व एटीएफ जैसे रिफाइन किए गए उत्पादों को देश के बाहर के बाजारों में बेचती हैं.


पिछले महीने लगी थी कटौती पर लगाम


कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स में जुलाई से पहले भी लगातार कटौती हो रही थी. अभी से करीब डेढ़ महीने पहले यानी 15 जून को हुई समीक्षा में विंडफॉल टैक्स लगातार चौथी बार कम किया गया था और उसकी दरें कम होकर 3,250 रुपये प्रति टन रह गई थीं. उस दौरान दो महीने में विंडफॉल टैक्स को लगातार चार बार कम किया गया था.


हर पखवाड़े में की जाती है समीक्षा


भारत सरकार ने घरेलू स्तर पर उत्पादित होने वाले कच्चे तेल पर सबसे पहली बार जुलाई 2022 में विंडफॉल टैक्स लगाया गया था. उसके साथ ही डीजल, पेट्रोल और विमानन ईंधन के निर्यात पर भी ड्यूटी लगाई गई थी. कई प्राइवेट रिफाइनर कंपनियां ज्यादा मार्जिन कमाने के लिए डीजल, पेट्रोल और एटीएफ का निर्यात करती हैं. सरकार ने इसे ध्यान में रखते हुए कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स और डीजल, पेट्रोल व एटीएफ पर एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाने का फैसला लिया था. इसकी समीक्षा हर पखवाड़े में यानी हर महीने में 2 बार की जाती है.


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