Windfall Tax: केंद सरकार ने आज कच्चे तेल पर कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स में भारी कटौती कर दी है. क्रूड पेट्रोलिय ऑयल पर विंडफॉल टैक्स को 9800 रुपये प्रति टन से घटाकर 6300 रुपये प्रति टन कर दिया है, यानी पूरे 3500 रुपये प्रति टन की कटौती इसमें कर दी गई है. इसके अलावा सरकार ने डीजल पर भी स्पेशल एडिशनल एक्साइज ड्यूटी (SAED) को घटाया है और इसे 2 रुपये प्रति लीटर से 1 रुपया प्रति लीटर कर दिया है.


सरकार की ओर से जारी हुआ नोटिफिकेशन


केंद्र सरकार की ओर से जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि इन पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स के अलावा एटीएफ (एविएशन टरबाइन फ्यूल) और पेट्रोल पर विंडफॉल टैक्स शून्य बना रहेगा. इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है. सरकार हर दिन 15 दिनों मे विंडफॉल गेन टैक्स की दरों की समीक्षा करती है और ये फैसला ताजा समीक्षा में लिया गया है.


इससे पहले 31 अक्टूबर को बढ़ाया गया था विंडफॉल टैक्स


केंद्र सरकार ने 31 अक्टूबर की पिछली समीक्षा में पेट्रोलियम क्रूड के एक्सपोर्ट पर लगने वाले विंडफॉल टैक्स को 9050 रुपये प्रति टन से बढ़ाकर 9800 रुपये प्रति टन कर दिया था. पिछले दो हफ्तों में कच्चे तेल की कीमतों का क्या रुख रहा है, इसको देखकर केंद्र सरकार देश में कच्चे तेल के एक्सपोर्ट पर विंडफॉल टैक्स और निर्यात टैक्स की दरों को निर्धारित करती है.


कच्चे तेल की दरों में आई है कमी


अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट आई है और ये फिर से 81 डॉलर प्रति बैरल के रेट पर आ गए हैं. ग्लोबल क्रूड ऑयल के रेट नीचे आने का असर घरेलू तेल कीमतों पर आता है. इसके चलते सरकार तेल कंपनियों के ऊपर पेट्रोल, डीजल, एटीएफ, क्रूड ऑयल आदि के लिए टैक्स की दरों में बदलाव करती है.


किस हिसाब से लगता है विंडफॉल टैक्स और एक्साइज ड्यूटी


अगर ग्लोबल बेंचमार्क की दरें 75 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर बढ़ जाती हैं तो घरेलू कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स लगाया जाता है. वहीं अगर उत्पाद में कमी (या मार्जिन) 20 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर बढ़ जाते हैं तो डीजल, एटीएफ और पेट्रोल के एक्सपोर्ट पर लेवी लगाई जाती है.


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