Wipro Subsidiary Companies Merger: देश की प्रमुख आईटी कंपनी विप्रो ने बुधवार को पांच सब्सिडियरी कंपनी को अपने पैरेंट कंपनी विप्रो लिमिटेड में मर्जर का एलान किया है. बुधवार को इसके शेयर करीब 1 फीसदी टूटकर 407.50 रुपये प्रति शेयर पर बंद हुए. बोर्ड ​मीटिंग में मर्जर का फैसला लिया गया और सितंबर तिमाही की कमाई को भी मंजूरी दी गई. 


बोर्ड मीटिंग में कहा गया कि विप्रो एचआरसर्विसेज, विप्रो ओवरसीज आईटी सर्विसेज, विप्रो टेक्नोलॉजी प्रोडक्ट सर्विसेज, विप्रो ट्रेडमार्क होल्डिंग और विप्रो वीएलएसआई डिजाइन सर्विसेज का मर्जर पैरेंट कंपनी में किया जाएगा. हालांकि अभी मर्जर के लिए नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) समेत वैधानिक और नियामक अप्रूवल की आवश्यकता होगी. 


इन चार वजहों से हो रहा मर्जर 


ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक, विप्रो ने मर्जर को लेकर चार वजह बताए हैं. इसमें व्यवसाय संचालन को मजबूत करना, संचालन के तालमेल को सक्षम करना, प्रशासनिक, मैनेजमेंट और अन्य खर्च कमी आदि शामिल हैं. मर्जर में सभी सहायक कंपनियां पूर्ण स्वामित्व वाली हैं. इस कारण मर्जर में नए शेयर जारी नहीं होंगे. साथ ही शेयरों के पैटर्न में भी कोई बदलाव नहीं होगा. 


कितना दर्ज किया मुनाफा 


मार्च 2023 के अंत तक विप्रो ओवरसीज आईटी सर्विसेज का रेवेन्यू शून्य था, विप्रो एचआर सर्विसेज ने 67,753 करोड़ रुपये, विप्रो टेक्नोलॉजी प्रोडक्ट सर्विसेज ने 85.3 करोड़ रुपये, विप्रो वीएलएसआई डिजाइन ने 218 करोड़ रुपये और विप्रो ट्रेडमार्क ने 29 लाख रुपये का रेवेन्यू दर्ज किया है. विप्रो ने 2,667.3 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट भी दर्ज किया है, जो 0.70 फीसदी की उछाल है.  


कर्मचारियों की संख्या में कमी


विप्रो में लगातार चौथी तिमाही से कर्मचारियों के संख्या में गिरावट आ रही है. सितंबर तिमाही के दौरान 5051 कर्मचारियों की संख्या में कमी आई है. इसके साथ ही अब कुल कर्मचारियों की संख्या 2,44,707 हो गई है. हालांकि कंपनी ने सितंबर के दौरान 577 कर्मचारियों की नियुक्ति भी की थी. 


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