Wipro layoffs: ग्लोबल स्तर पर बड़ी संख्या में कर्मचारियों की छंटनी हो रही है. साल 2023 के पहले महीने में ही बड़ी संख्या में कर्मचारियों की नौकरी जा चुकी है. अभी हाल ही में माइक्रोसाफ्ट में 10 हजार कर्मचारियों की छंटनी की थी. वहीं एक रिपोर्ट के अनुसार ट्विटर ने भी कर्मचारियों की संख्या में कमी की है. आने वाले समय में अमेजन, मेटा, माइक्रोसॉफ्ट और सेलफोर्स समेत अन्य कंपनियों की कर्मचारियों को नौकरी निकालने की योजना है.
अब आईटी सेक्टर की शीर्ष कंपनियों में से एक विप्रो ने 452 फ्रेशर्स को नौकरी से निकाल दिया है. 20 जनवरी को कंपनी ने जानकारी देते हुए कहा कि कर्मचारियों को उनके खराब परफॉर्मेंस के कारण नौकरी से निकाला गया है. कंपनी ने कहा कि ये कर्मचारी ट्रेनिंग के दौरान ही बार-बार टेस्ट में फेल हो रहे थे. कंपनी ने अपने एक बयान में कहा कि फ्रेशर कर्मचारियों से हम अच्छे काम की उम्मीद करते हैं.
कंपनी ने कहा- माफ किए ट्रेनिंग के पैसे
कंपनी ने बयान में कहा कि खुद के लिए स्टैंडर्स सेट किया है. उसी हिसाब से कर्मचारियों का चयन होता है. ऐसे में फ्रेशर्स से हम इस मानक के अनुरुप ही काम करने की उम्मीद करते हैं. बता दें कि निकाले गए कर्मचारियों को कंपनी ने टर्मिनेशन लेटर भी जारी कर दिया है. लेटर में कहा गया है कि इन कर्मचारियों के ट्रेंनिग पर 75,000 रुपये खर्च किए हैं. कंपनी ने कहा कि नियम के मुताबिक टेस्ट में फेल होने पर इन कर्मचारियों को ये रकम भरनी थी, लेकिन कंपनी ने इसे माफ कर दिया है.
विप्रो ने कमाया लाभ
विप्रो ने जनवरी 2023 की शुरुआत में अपने Q3 FY23 रिजल्ट जारी किए थे. कंपनी ने पिछले वर्ष की समान तिमाही में 2,969 करोड़ रुपये की तुलना में शुद्ध लाभ में 2.8 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की थी. इस बढ़ोतरी के साथ ही कंपनी की 3,052.90 करोड़ रुपये की कमाई हुई थी.
बता दें कि इस साल माइक्रोसॉफ्ट के 10 हजार कर्मचारियों की छंटनी के बाद स्विगी ने 380 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है. वहीं अमेजन सेलफोर्स समेत कई कंपनियों का बड़ी संख्या में नौकरी से कर्मचारियों को निकालने का प्लान है.
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