भारतीय शेयर बाजार में आई हाल की जबरदस्ती तेजी ने इसका कद काफी बढ़ा दिया है. इस तेजी ने दुनिया के शेयर बाजारों में इसकी रैंकिंग तीन रैंक ऊंची कर दी है. मार्केट वैल्यू के हिसाब से भारत का शेयर बाजार दुनिया का सातवां सबसे बड़ा शेयर बाजार बन गया है. घरेलू निवेश बढ़ने से भारतीय शेयरों की कीमत 6.9 फीसदी बढ़ गई. इससे भारतीय शेयर बाजारों का मार्केट कैपिटलाइजेशन बढ़ कर 2.7 ट्रिलियन डॉलर को पार कर गया. भारतीय शेयर बाजार ने मार्केट वैल्यूएशन में सऊदी अरब , कनाडा और जर्मनी के शेयर के मार्केट वैल्यूएशन को पार कर लिया है. इस वजह से यह दुनिया का सातवां बड़ा शेयर बाजार बन गया.
दुनिया की दो बड़े शेयर बाजारों में यूरोप के सिर्फ दो
इस रैंकिंग में फ्रांस का शेयर मार्केट छठे स्थान पर है. भारतीय शेयर बाजार ने पिछले 11 महीनों के बाद पहली बार कनाडा के शेयर मार्केट के वैल्यूएशन को पार किया है. यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था जर्मनी के शेयर बाजार की मार्केट वैल्यूएशन 2.53 ट्रिलियन डॉलर की हो चुकी है. दुनिया के सात बड़े शेयर बाजारों में यूरोप के दो शेयर बाजार शामिल हैं. फ्रांस और ब्रिटेन के शेयर बाजार यूरोप के दो बड़े शेयर बाजारों में शुमार हैं.
भारतीय बाजारों में एफपीआई का बड़ा निवेश
पिछले तीन महीनों के दौरान एमएससीआई इंडिया इंडेक्स 21 फीसदी बढ़ गया है. एमएससीआई इमर्जिंग मार्केट इंडेक्स में 19 फीसदी और एमएससीआई वर्ल्ड इंडेक्स में 12 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. 1 जनवरी से अब तक एफपीआई ने भारतीय शेयर बाजारों में लगभग 4.05 अरब डॉलर का निवेश किया है. इमर्जिंग मार्केट में सिर्फ ब्राजील के शेयर मार्केट में भारत से ज्यादा 4.5 अरब डॉलर का निवेश हुआ. दरअसल सस्ता होने की वजह से इमर्जिंग मार्केट में एफपीआई के निवेश में तेजी आई है. इमर्जिंग मार्केट में भारत की अर्थव्यवस्था में तेज सुधार के संकेतों ने एफपीआई का रुझान भारत की ओर बढ़ाया है.
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