Women Workforce in India: भारत में महिलाओं की भागीदारी हर क्षेत्र में बढ़ रही है और महिला श्रमिकों की संख्या खास तौर पर शहरों में ज्यादा गति से आगे बढ़ी है. इसको लेकर जो आंकड़ा आया है वो खास तौर पर इस बात की तस्दीक करता है कि महिलाएं अब जमकर बाहर निकल रही हैं और देश के रोजगार की तस्वीर में भी अपनी अहम जगह बनाने में कामयाब हो रही हैं. देश के शहरी इलाकों में महिला श्रमिकों का योगदान बढ़कर 25.6 फीसदी पर आ गया है और ये वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही का डेटा है. 


सरकारी आंकड़ों से सामने आई बात


ये डेटा सरकारी है और इसमें एक चिंता की बात सामने आई है कि बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में भारत के शहरों और कस्बों की बेरोजगारी बढ़ी है. हालांकि महिलाओं ने अधिक संख्या में नौकरी हासिल की है.


कुल मिलाकर समग्र शहरी बेरोजगारी दर जो कि दूसरी तिमाही में 6.6 फीसदी से घटकर तीसरी तिमाही में 6.5 फीसदी हो गई थी, वित्तीय वर्ष 2024 की अंतिम तिमाही में एक बार फिर बढ़कर 6.7 फीसदी हो गई. हालांकि, यह एक साल पहले देखी गई 6.8 फीसदी शहरी बेरोजगारी से कम थी. पीरीयोडिक लेबर फोर्स सर्वे (पीएलएफएस) डेटा के मुताबिक ये जानकारी मिली है.




सबसे ऊंचे स्तर पर महिला श्रम बल भागीदारी


शहरी क्षेत्रों में महिला वर्कफोर्स भागीदारी दर इसी अवधि के दौरान बढ़कर 25.6 फीसदी के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गई है. ये पिछली तिमाही से चौथी तिमाही में 0.6 फीसदी  ज्यादा है. 


शहरी क्षेत्रों में महिला श्रम बल की भागीदारी


वित्त वर्ष 2024 पहली तिमाही में 23.2 फीसदी पर थी
वित्त वर्ष 2024 दूसरी तिमाही में 24 फीसदी पर थी
वित्त वर्ष 2024 तीसरी तिमाही में 25 फीसदी पर थी
वित्त वर्ष 2023 चौथी तिमाही में 22.7 फीसदी पर थी


(सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) के जारी सर्वेक्षण के मुताबिक)


इस बीच वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही के दौरान, शहरी क्षेत्रों में कामकाजी जनसंख्या अनुपात (WPR) कुल जनसंख्या के अनुपात के रूप में कामकाजी लोग बढ़कर 46.9 फीसदी हो गए हैं. इसमें 69.8 फीसदी पुरुष हैं और 23.4 फीसदी महिलाएं शामिल हैं. ये आंकड़ा 15 साल से ज्यादा उम्र की शहरी कामकाजी आबादी पर लागू होता है. दिलचस्प बात यह है कि पिछले 12 महीनों में जहां शहरी क्षेत्रों में पुरुष बेरोजगारी दर में थोड़ी बढ़ोतरी देखी गई है. वहीं इसी अवधि के दौरान महिला बेरोजगारी दर में धीरे-धीरे गिरावट देखी गई है.


शहरी क्षेत्रों में WPR की दर जानें


वित्त वर्ष 2024 पहली तिमाही में 45.5 फीसदी पर थी
वित्त वर्ष 2024 दूसरी तिमाही में 46 फीसदी पर थी
वित्त वर्ष 2024 तीसरी तिमाही में 46.6 फीसदी पर थी
वित्त वर्ष 2023 चौथी तिमाही में 45.2 फीसदी पर थी


(MoSPI द्वारा जारी लेटेस्ट डेटा)


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