Work From Home: कोरोना महामारी और इसके चलते लगे लॉकडाउन के बाद से ही देश में ज्यादातर लोग 'वर्क फ्रॉम होम' कर रहे हैं. अब अगर आने वाले समय में लोग परमानेंट तौर पर वर्क फ्रॉम होम मोड में ही काम करने का विकल्प चुनते हैं तो उनकी सैलरी में कटौती की जा सकती है. दुनिया की दिग्गज कंपनी Google के अनुसार ऐसे कर्मचारी जो भविष्य में भी वर्क फ्रॉम होम का ऑप्शन चुनते हैं उनकी सैलरी में कटौती का फैसला लिया जा सकता है.
Google ने उसके ऐसे सभी कर्मचारी जो परमानेंट तौर पर वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं की सैलरी में 10 फीसदी कटौती करने करने की योजना बनाई है. अमेरिका स्थित Silicon Valley में 'वर्क फ्रॉम होम' के तरीकों और इसके तहत काम करने वाले कर्मचारियों को लेकर कई तरह के प्रयोग किए जा रहे हैं. Silicon Valley को दुनिया भर की बड़ी कंपनियों के लिए ट्रेंड सेट करने के लिए जाना जाता है.
कंपनियां लोकेशन के हिसाब से तय करतीं हैं वेतन
बता दें कि, इस से पहले फेसबुक, ट्विटर के साथ साथ Reddit और Zillow जैसी कंपनियां भी अपने कर्मचारियों की सैलरी में कटौती कर चुके हैं. ये सभी कंपनियां लोकेशन के हिसाब से वेतन तय करने वाले मॉडल को अपना रही हैं. जो लोग महंगे शहरों से वर्क फ्रॉम होम करते हैं उनकी सैलरी में कम होती है. जबकि जो लोग छोटे और सस्ते शहरों में रहते हैं उनकी सैलरी में ज्यादा कटौती की जाती है. गूगल ने जून में 'वर्क लोकेशन टूल' लॉन्च किया था.
गूगल के प्रवक्ता के अनुसार, "हमारी कंपनी लोकेशन के हिसाब से अपने कर्मचारियों का पैकेज तय करती है. हमारे कर्मचारी किस शहर से काम कर रहे हैं और वहां का रहन-सहन, खान-पान कितना सस्ता या महंगा है इस आधार पर हम उन्हें सैलरी देते हैं."
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