(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
World Bank on India: भारत पर विश्व बैंक को यकीन, शानदार बनी रहेगी ग्रोथ स्टोरी, इस साल ऐसा रहेगा हाल!
India GDP Growth: भारत अभी दुनिया की सबसे तेज तरक्की करने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बना हुआ है. विश्व बैंक को लगता है कि भारत का यह दर्जा बरकरार रहने वाला है...
भारतीय अर्थव्यवस्था इन दिनों उम्मीद से बेहतर परफॉर्म कर रही है. चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी की वृद्धि दर के अनुमान को सरकार ने भी हाल में बढ़ाया है. अब वर्ल्ड बैंक ने भी भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर अपना सकारात्मक रुख जाहिर किया है. वर्ल्ड बैंक का मानना है कि वैश्विक स्तर पर सुस्ती के बाद भी भारतीय अर्थव्यवस्था आने वाले सालों में शानदार गति से तरक्की करने वाली है.
इतनी रह सकती है भारत की ग्रोथ रेट
भारत की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में 7 फीसदी के आस-पास रहने का अनुमान है. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय यानी एनएसओ के द्वारा बीते दिनों जारी किए गए फर्स्ट एडवांस एस्टिमेट के अनुसार चालू वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 7.3 फीसदी रह सकती है. यह रिजर्व बैंक के अनुमान से ज्यादा है. रिजर्व बैंक ने पिछले महीने यानी दिसंबर 2023 की एमपीसी के बाद कहा था कि वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान भारत की आर्थिक वृद्धि दर 7 फीसदी रह सकती है.
सबसे तेज बनी रहेगी भारत की तरक्की
एनएसओ और रिजर्व बैंक के अलावा कई अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां भी भारत की आर्थिक वृद्धि की दर मजबूत रहने का अनुमान जाहिर कर चुकी हैं. चालू वित्त वर्ष में 7 फीसदी के आस-पास की ग्रोथ रेट का मतलब ये निकलता है कि भारत अभी दुनिया भर में सबसे तेज गति से तरक्की करने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था है. वर्ल्ड बैंक को यकीन है कि आने वाले सालों के दौरान ग्लोबल स्लोडाउन के बाद भी भारत का यह दर्जा बरकरार रहने वाला है.
आने वाले सालों के लिए ग्रोथ रेट का अनुमान
विश्व बैंक का अनुमान है ग्लोबल स्लोडाउन के बाद भी भारत की आर्थिक वृद्धि दर अगले वित्त वर्ष यानी 2024-25 में 6.4 फीसदी रह सकती है. इसका मतलब होता है कि ग्लोबल स्लोडाउन का भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट पर असर तो होगा, लेकिन यह सीमित रहेगा. हालांकि 6.4 फीसदी की ग्रोथ रेट भी दुनिया की किसी भी अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्था की तुलना में सबसे ऊपर रहेगी. वहीं विश्व बैंक का कहना है कि वित्त वर्ष 2025-26 में भारत की ग्रोथ रेट कुछ बढ़कर 6.5 फीसदी रह सकती है.
इन फैक्टर्स से मिलने वाला है सपोर्ट
विश्व बैंक ने अपनी हालिया ग्लोबल इकोनॉमिक प्रोस्पेक्ट्स रिपोर्ट में कहा है कि आने वाले सालों में भारत में निवेश कुछ कम हो सकता है, लेकिन उसके बाद भी निवेश मजबूत बना रहेगा. भारत में निवेश को बढ़े सरकारी निवेश और बेहतर कॉरपोरेट बैलेंस शीट (बैंकिंग सेक्ट समेत) से समर्थन मिलेगा.
30 सालों में सबसे कमजोर आधा दशक
चालू वित्त वर्ष का देखें तो विश्व बैंक का भारत की अर्थव्यवस्था के लिए ग्रोथ का अनुमान रिजर्व बैंक और एनएसओ से काफी कम है. चालू वित्त वर्ष के लिए रिजर्व बैंक के 7 पर्सेंट और एनएसओ के 7.3 पर्सेंट के मुकाबले विश्व बैंक ने 6.3 फीसदी की ग्रोथ रेट का अनुमान व्यक्त किया है. हालांकि 6.3 फीसदी की ग्रोथ रेट भी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे ज्यादा है. वहीं विश्व बैंक ने वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए ग्रोथ रेट 2023 के 2.6 फीसदी के अनुमान की तुलना में 2024 में कम होकर 2.4 फीसदी पर आ जाने की आशंका जताई है. विश्व बैंक ने इसे वैश्विक अर्थव्यवस्था का पिछले 30 सालों के दौरान सबसे कमजोर आधा दशक करार दिया है.
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