वर्ल्ड बैंक ने बढ़ाया भारत के इकोनॉमिक ग्रोथ रेट का अनुमान, 2024 में 6.6 फीसदी रह सकती है GDP
World Bank: भारत दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेज गति से विकास करने वाली अर्थव्यवस्था बनी रहेगी हालांकि उसकी रफ्तार पहले के मुकाबले थोड़ी धीमी होगी.
India GDP Growth: साल 2024 में भारतीय अर्थव्यवस्था 6.6 फीसदी के दर से विकास करेगी. विश्व बैंक ने 2024 के लिए भारत के जीडीपी अनुमान में बढ़ोतरी करते हुए कहा है कि मौजूदा वर्ष में भारत 6.6 फीसदी के दर से विकास करेगा जबकि जनवरी 2024 के अनुमान में वर्ल्ड बैंक ने 6.4 फीसदी जीडीपी ग्रोथ रेट का अनुमान जताया था. वर्ल्ड बैंक ने 2025 में 6.7 फीसदी और 2026 में 6.8 फीसदी जीडीपी ग्रोथ रेट का अनुमान जताया है. वर्ल्ड बैंक ने चीन के ग्रोथ अनुमान को भी पूर्व के 4.5 फीसदी से बढ़ाकर 4.8 फीसदी रहने का अनुमान जताया है.
वर्ल्ड बैंक ने दुनियाभर के देशों के ग्रोथ रेट को लेकर अपना आउटलुक जारी किया है. वर्ल्ड बैंक ने कहा, वित्त वर्ष 2023-24 में भारत में ग्रोथ रेट में शानदार उछाल के चलते 8.2 फीसदी जीडीपी रही है जो कि जनवरी के उसके अनुमान से 1.9 फीसदी ज्यादा है. इंडस्ट्री एक्टिविटी में तेजी, मैन्युफैक्चरिंग और कंस्ट्रक्शन क्षेत्र के उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन और सर्विसेज एक्टिविटी में गतिशीलता के चलते कृषि क्षेत्र में मानसून के प्रभाव के कारण उत्पादन घटने के बावजूद ग्रोथ रेट शानदार रहा है.
वर्ल्ड बैंक ने कहा, कोरोना महामारी के बाद खपत में तेज उछाल के नरम पड़ने के बावजूद निवेश में उछाल, साथ ही इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में निवेश में बढ़ोतरी के चलते घरेलू डिमांड में तेजी बनी हुई है. वर्ल्ड बैंक ने कहा, सितंबर 2023 से भारत में महंगाई दर आरबीआई के 2 से 6 फीसदी के टारगेट रेंज में बना हुआ है.
विश्व बैंक ने अपने आउटलुक में कहा, दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में भारत की अर्थव्यवस्था सबसे तेज गति से विकास करेगी हालांकि उसकी रफ्तार पहले के मुकाबले थोड़ी धीमी होगी. रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2023-24 में तेज आर्थिक विकास के बाद वित्त वर्ष 2024-25 से भारत 6.7 फीसदी के औसतन दर से विकास करेगा. रिपोर्ट के मुताबिक हाई बेस से इंवेस्टमेंट में कमी के चलते ये नरमी आएगी. हालांकि इसके बावजूद इस अवधि के दौरान मजबूत पब्लिक इंवेस्टमेंट के साथ प्राइवेट इंवेस्टमेंट के चलते निवेश के ग्रोथ में तेजी बनी रहेगी. कृषि उत्पादन में रिकवरी और महंगाई में कमी के चलते निजी खपत में भी बढ़ोतरी आएगी.
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