वर्ल्ड बैंक ने भारत के छोटे और मंझोले कारोबारियों यानी एमएसएमई सेक्टर में काम करने वाले कारोबारियों के लिए लगभग 5500 करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान किया है. इसके तहत एमएसएमई सेक्टर के उद्यमियों और कारोबारियों को लोन और दूसरे आर्थिक सहायता पैकेज दिए जाएंगे.एमएसएमई को मिलने वाला यह पैकेज भारत को 2019-20 में वर्ल्ड बैंक की ओर से दिए जाने वाले  वित्तीय पैकेज का हिस्सा है. वर्ल्ड बैंक भारत को 5.13 अरब डॉलर की वित्तीय सहायता देगा.


पैकेज से रोजगार बढ़ाने में मिलेगी मदद 


वर्ल्ड बैंक की ओर से भारत के एमएसएमई सेक्टर को मिलने वाले इस सहायता पैकेज से इस सेक्टर में रोजगार बढ़ाने की रफ्तार तेज हो सकती है. एमएसएमई सेक्टर देश में सबसे ज्यादा रोजगार पैदा करने वाले सेक्टर में शामिल है.भारत में वर्ल्ड बैंक के कंट्री डायरेक्टर जुनैद अहमद का कहना है कि एमएसएमई सेक्टर को मदद की दिशा में यह पहला बड़ा कदम है. उन्होंने कहा कि इस समय इस बात की सबसे बड़ी जरूरत यह है कि सरकार ने एमएसएमई सेक्टर को फंड मुहैया कराने के लिए जो साधन उपलब्ध कराए हैं उन तक उनकी पहुंच बन सके. इसके साथ ही एमएसएमई के लिए फाइनेंसिंग इको-सिस्टम को भी मजबूत करना होगा.


वर्ल्ड बैंक की यह फंडिंग एमएसएमई को दी गई सरकार की मदद को कारोबारियों तक पहुंचाने में कारगर साबित होगी. एनबीएफसी और छोटे फाइनेंस बैंक के मजबूत होने भी एमएसएमई कारोबारियों का मदद मिलेगी.सरकार ने देश के एमएसएमई सेक्टर को संकट से उबारने के लिए तीन लाख करोड़ रुपये के लोन का ऐलान किया था. वित्त मंत्री ने कहा था कि  एमएसएमई के लिए सरकार छह कदम उठाएगी. इसके तहत एमएसएमई को बिना गारंटी के 3 लाख करोड़ तक का लोन दिया जाएगा, जिससे 45 लाख एमएसएमई को इसके तहत फायदा होगा. इसमें एक साल तक मूल धन नहीं चुकाना होगा वित्त मंत्री ने कहा था कि 31 अक्तूबर 2020 से एमएसएमई को लोन की सुविधा मिलेगी.