World Bank Report: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लक्षद्वीप यात्रा के बाद से ही भारत और मालदीव के रिश्तों में खटास आ गई थी. मालदीव के कुछ मंत्रियों ने पीएम मोदी को लेकर अपशब्द कहे और बात बिगड़ती चली गई. कई भारतीय कंपनियों ने मालदीव के बहिष्कार का भी फैसला ले लिया था. अब यही मालदीव घुटनों पर आता दिखाई दे रहा है. भारत से संबंध बिगाड़ना इस मुल्क को बहुत भारी पड़ने जा रहा है. टूरिज्म पर निर्भर मालदीव की इकोनॉमी बहुत संकट में फंस सकती है. वर्ल्ड बैंक ने आशंका जताई है कि मालदीव को आर्थिक मोर्चे पर बड़े झटके लग सकते हैं.
वर्ल्ड बैंक के डायरेक्टर ने कहा- क्षमता से ज्यादा खर्च कर रहा मालदीव
वर्ल्ड बैंक के मालदीव, नेपाल और श्रीलंका के डायरेक्टर फारिस एच हदद जेरवोस (Faris H Hadad-Zervos) ने कहा कि टूरिज्म पर निर्भर इस देश को कोविड लॉकडाउन से तगड़ी चोट लगी थी. अब यह कर्ज और फाइनेंसिंग संकट में फंस सकता है. मालदीव दशकों से अपनी क्षमता से ज्यादा खर्च कर रहा है. मालदीव को फिलहाल 51.2 करोड़ डॉलर और 2026 में 1.07 अरब डॉलर सालाना कर्ज की जरूरत पड़ेगी.
आर्थिक सुधार लागू करे और टूरिज्म बढ़ाने पर दे ध्यान
मालदीव के वित्त मंत्रालय ने हाल ही में कहा था कि उसका कर्ज जीडीपी का लगभग फीसदी है. उनका कर्ज 8.2 अरब डॉलर हो चुका है. वर्ल्ड बैंक के डायरेक्टर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि मालदीव में सब्सिडी और सरकार के खर्च लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं. इसके चलते राजकोषीय घाटा बढ़ता ही जा रहा है. इस देश को बड़े आर्थिक झटके लग सकते हैं. उन्होंने कहा कि मालदीव में आर्थिक सुधार जल्द से जल्द लागू होने चाहिए. मालदीव का टूरिज्म भी घट रहा है. इसके चलते वित्तीय मोर्चे पर परेशानी हो रही है.
मालदीव की इकोनॉमी हो रही सुस्त, उद्योगों में आ रही मंदी
इससे पहले 8 मई को वर्ल्ड बैंक की ओर से एक रिपोर्ट जारी की गई थी. इसमें कहा गया था कि देश के पर्यटन और अन्य प्रमुख उद्योगों में मंदी आ रही है. इससे मालदीव की जीडीपी को झटका लग रहा है. मालदीव की इकोनॉमी के इस साल 4.7 फीसदी की रफ्तार से ही आगे बढ़ने की आशंका जताई गई है. यह पिछले अनुमान से कम है.
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