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World Cancer Day 2024: हेल्थ इंश्योरेंस के साथ जरूर खरीदें ये प्रोडक्ट, कैंसर जैसी बीमारियों का आसान होगा इलाज!

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कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के इलाज में भारी खर्च आता है, जो आपके वित्तीय भविष्य को खतरे में डाल सकता है. एक क्रिटिकल इलनेस कवर आपकी रेगुलर हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी का पूरक हो सकता है और अस्पताल में भर्ती होने के दौरान के सभी खर्चों का भुगतान कर सकता है.

साधारण हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी तभी पर्याप्त होती है, जब उसमें बीमा की रकम ठीक-ठाक हो. कैंसर, हृदय संबंधी बीमारियों, लीवर फेलियर और लीवर ट्रांसप्लांट जैसी गंभीर व पुरानी बीमारियों के इलाज में काफी ज्यादा खर्च आ सकता है. यह खर्च लाखों में होने की वजह से व्यक्ति को भारी वित्तीय नुकसान उठाना पड़ सकता है. यही कारण है कि सामान्य हेल्थ इंश्योरेंस कवर के अलावा एक क्रिटिकल इलनेस पॉलिसी खरीदनी चाहिए.

क्रिटिकल इलनेस पॉलिसी खरीदना क्यों है जरूरी?

एक साधारण हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी अस्पताल में भर्ती होने के दौरान सभी खर्चों का भुगतान करती है, लेकिन क्या होगा अगर आपकी बीमारी ठीक होने में अधिक समय लेती है या पुरानी है? या, इलाज चल रहा हो सकता है, जिसके लिए आपको काम से छुट्टी लेने की जरूरत पड़े? यहीं पर क्रिटिकल इलनेस पॉलिसी मदद करती है. ऐसी पॉलिसी आम तौर पर लाभ-आधारित पॉलिसी होती हैं. यानी, पॉलिसी में सूचीबद्ध किसी गंभीर बीमारी का पता चलने पर वे आपको पूर्व-निर्धारित एकमुश्त राशि का भुगतान करते हैं, भले ही उपचार पर कितना भी खर्च हुआ हो. ऐसी पॉलिसियां कैंसर, स्ट्रोक, लीवर फेलियर, ऑर्गन ट्रांसप्लांट और दिल के दौरे जैसी जानलेवा बीमारियों को कवर करती हैं.

ये पॉलिसियां, जो जनरल और लाइफ इंश्योरेंस दोनों कंपनियों द्वारा ऑफर की जाती हैं, एक निश्चित संख्या में गंभीर बीमारियों को कवर करती हैं, जिनकी संख्या दो से लेकर 60 तक हो सकती है. आप उन्हें या तो स्टैंडअलोन पॉलिसियों के रूप में या अपनी लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी के साथ राइडर्स के रूप में खरीद सकते हैं. कैंसर, किडनी की समस्याएं और हृदय संबंधी गंभीर बीमारियां 30 से 40 वर्ष की आयु वर्ग की युवा पीढ़ी को भी प्रभावित कर रही हैं. ऐसे में हर व्यक्ति के लिए क्रिटिकल इलनेस कवर लेना बहुत ही महत्वपूर्ण है.

कितनी राशि की क्रिटिकल इलनेस पॉलिसी जरूरी?

अगर आपका बेसिक हेल्थ कवर 5 लाख रुपये है, तो आप 20-25 लाख रुपये की क्रिटिकल केयर पॉलिसी खरीदने पर विचार कर सकते हैं. पॉलिसीधारक इस क्लेम राशि का उपयोग अन्य खर्चों के लिए कर सकते हैं, जो अस्पताल में भर्ती होने के खर्च से अधिक हो सकता हैं. उदाहरण के लिए, स्ट्रोक या ऑर्गन ट्रांसप्लांट के बाद लाइफस्टाइल में बदलाव होने से लंबे समय तक फिजियोथेरेपी सेशन की आवश्यकता हो सकती है. यह सर्जरी, कीमोथेरेपी या विकिरण के बाद होने वाले हेल्थ बेनिफिट के खर्चों को पूरा करने में पॉलिसीधारक की मदद करेगा, चाहे वे महंगी दवाएं हों अथवा रेगुलर कैल्शियम या विटामिन की दवाएं, जबकि रेगुलर पॉलिसी अस्पताल में भर्ती होने के बाद के कवर के हिस्से के रूप में फॉलो-अप, डायग्नोस्टिक टेस्ट और फार्मेसी बिलों का भुगतान करती हैं. यह कवरेज आमतौर पर 60-90 दिनों के बाद बंद हो जाता है. इसके अलावा, एकमुश्त राशि उन लोगों के भी काम आएगी, जिन्हें बीमारी और लंबी इलाज प्रक्रिया के कारण अपनी नौकरी छोड़नी पड़ती है.

कौन सी क्रिटिकल इलनेस पॉलिसी खरीदनी चाहिए?

सभी क्रिटिकल इलनेस पॉलिसी सभी गंभीर बीमारियों को कवर नहीं करती हैं. इसलिए पॉलिसी खरीदने से पहले सभी नियमों और शर्तों को ध्यानपूर्वक पढ़ें. उसके बाद ऐसी पॉलिसी का चयन करें, जो कई प्रकार की गंभीर बीमारियों को कवर करती हो.

इसके अलावा बीमाकर्ता क्लेम का भुगतान तभी करेगा, जब पॉलिसीधारक इलाज के बाद कम से कम 15 दिनों तक जीवित रहे. हालांकि कुछ पॉलिसी में 7 दिनों तक जीवित रहने के बाद भी क्लेम का भुगतान कर दिया जाता है. उदाहरण के लिए, कुछ कैंसर-विशिष्ट पॉलिसियों में, प्रारंभिक चरण के कैंसर के मामले में इंश्योरेंस राशि का केवल 25-50 प्रतिशत ही भुगतान किया जाएगा. इसके अलावा, आम तौर पर, इंश्योरेंस राशि का भुगतान हो जाने के बाद क्रिटिकल इलनेस पॉलिसी समाप्त हो जाती है.

(लेखक सिद्धार्थ सिंघल पॉलिसीबाजार डॉट कॉम के हेल्थ इंश्योरेंस के हेड हैं.)

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