'यह आत्मविश्वास से भरा भारत है', वर्ल्ड चेस चैंपियन डी गुकेश से मिलने पर बोले गौतम अडानी
World Chess Champion Gukesh D: युवा ग्रैंडमास्टर डी गुकेश ने अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी से मुलाकात की. अडानी ने इसके बाद एक्स पर उनकी जमकर तारीफ की.
Gautam Adani Update: भारत के 18 साल के युवा ग्रैंडमास्टर डी गुकेश दोम्माराजू ने वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप का खिताब अपने नाम कर नया इतिहास रच दिया है. इस प्रतियोगिता में उन्होंने चीन के डिंग लिरेन को मात दी और सबसे कम उम्र के चेस चैंपियन बने. इस कामयाबी के बाद गुकेश ने अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी से मुलाकात की. इस दौरान अडानी ने इस शानदार उपलब्धि के लिए उनकी जमकर तारीफ की.
अडानी ने गुकेश की तारीफों के बांधे पुल
उन्होंने अपने एक्स के ऑफिशियल अकाउंट पर लिखा, ''वर्ल्ड चेस चैंपियन गुकेश डी से मिलना और उनकी इस उपलब्धि के बारे में सुनना सौभाग्य की बात है. उनके पिता डॉ. रजनीकांत और मां डॉ. पद्मावती से मिलना भी उतना ही प्रेरणादायक रहा, जिनके बलिदान ने उनकी सफलता की नींव रखी. महज 18 साल की उम्र में गुकेश का शालीन स्वभाव और प्रतिभा इस बात का सबूत है कि देश का युवा अब रुकेगा नहीं. उनके जैसे प्रतिभाशाली खिलाड़ी न केवल नई पीढ़ी को प्रेरित कर रहे हैं, बल्कि दशकों तक विश्व शतरंज पर हावी होने के लिए चैंपियनों की एक फौज तैयार कर रहे हैं. यह आत्मविश्वास से भरा पुनर्जीवित और उभरता हुआ भारत है. जय हिंद.''
Adani Group Chairman Gautam Adani tweets, "It was an absolute privilege to meet and hear the victory story of reigning World Chess Champion Gukesh D. Equally inspiring was meeting his incredible parents, Dr Rajinikanth and Dr Padmavathi, whose quiet sacrifices laid the foundation… pic.twitter.com/NCq5Jh81K6
— ANI (@ANI) January 1, 2025
इस चाल से गुकेश ने दी ली को मात
उन्होंने सिंगापुर में हुए इस विश्व शतरंज चैंपियनशिप में 14 बाजी तक मुकाबला जारी रखा. इस दौरान डी गुकेश ने काले मोहरों के साथ खेला और दबाव में आए ली की एक गलती का फायदा उठाते हुए 7.5 पॉइंट्स से जीत हासिल की. इसी के साथ गुकेश विश्वनाथन आनंद के बाद क्लासिकल में वर्ल्ड चैंपियन बनने वाले दूसरे भारतीय बन गए. इतना ही नहीं, गुकेश ने शतरंज के दिग्गज माने जाने वाले गैरी कास्परोव के चार दशक पुराने रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया. साल 2006 में तमिलनाड़ु में पैदा हुए महज सात साल की उम्र से ही शतरंज खेलना शुरू कर दिया था. उनके पिता एक डॉक्टर और मां माइक्रोबायोलॉजिस्ट हैं.
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