(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
WEF Survey: दुनिया में इस साल वैश्विक मंदी की आशंका, भारत को मिलेगा फायदा, सर्वे में हुआ खुलासा
विश्व आर्थिक मंच के मुख्य अर्थशास्त्री सर्वेक्षण में बड़ा खुलासा सामने आ रहा है. सर्वे में इसी साल वैश्विक मंदी की आशंका जताई जा रही है. जानिए सर्वे में क्या बातें सामने आ रही है.
World Economic Forum Report 2023 : विश्व आर्थिक मंच (WEF) ने सोमवार को अपने मुख्य अर्थशास्त्री पूर्वानुमान सर्वेक्षण (Chief Economist Forecast Survey) में बड़ा खुलासा किया है. सर्वे में इसी साल 2023 में वैश्विक मंदी आने की आशंका जताई जा रही है. साथ ही इस मंदी में भारत को फायदा होने की बात सामने आ रही है. मालूम हो कि, WEF की वार्षिक बैठक स्विट्जरलैंड के दावोस में होना है. इस 5 दिवसीय बैठक का आयोजन 20 जनवरी तक चलेगा. इस बैठक की थीम 'कोऑपरेशन इन ए फ्रैगमेंटेड वर्ल्ड' पर रखी गई है. इस बैठक में यूक्रेन संकट, वैश्विक मुद्रास्फीति, जयवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है. जानें सर्वेक्षण में क्या बातें कही गई है...
2023 में आ सकती है वैश्विक मंदी
WEF के सर्वेक्षण के अनुसार, 2023 में वैश्विक मंदी आने की आशंका है. जिसमें खाद्य, ऊर्जा और मुद्रास्फीति पर खास असर देखने को मिलेगा. बांग्लादेश और भारत सहित दक्षिण एशिया देशों की अर्थव्यवस्थाओं वैश्विक रुझानों से फायदा मिल सकता है. वैश्विक व्यापार जगत में उतार चढ़ाव का माहौल पैदा होगा. जिसके कारण वैश्विक स्तर पर माल के आयात और निर्यात में कमी आएगी.
अमेरिका और यूरोप में आएगी मौद्रिक तंगी
रिपोर्ट्स के अनुसार, WEF के मुख्य अर्थशास्त्री समुदाय के अधिकतर लोगों की राय है कि अमेरिका और यूरोप में आगे मौद्रिक तंगी के हालत पैदा होने वाले है. 2023 में वैश्विक मंदी आने की आशंका है. इनमें से 18 फीसदी ने इसकी अत्यधिक संभावना जताई है. यह आंकड़ा सितंबर 2022 में किए गए पिछले सर्वेक्षण की तुलना में दोगुने से भी अधिक जताया जा रहा है.
स्विटजरलैंड ने पूरी की तैयारी
दावोस में विश्व आर्थिक मंच की वार्षिक बैठक की सुरक्षा के लिए स्विटजरलैंड ने पूरी तैयारी कर ली है. दुनिया भर के हजारों नेताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इस छोटे से शहर को एक किले में बदल दिया है. इस काम के लिए हजारों सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है. इनमें सेना के करीब 5,000 से अधिक लोग और नागरिक रक्षा सेवा के सैकड़ों पुरुष और महिलाएं शामिल हैं. उन्होंने डब्ल्यूईएफ की बैठक के लिए क्रिसमस से पहले काम शुरू किया और सरकार ने 10-26 जनवरी के बीच 5,000 कर्मियों को तैनात किया है. बैठक समाप्त होने के 1 दिन बाद 21 जनवरी तक दावोस के ऊपर हवाई क्षेत्र प्रतिबंधित रहेगा.
कई भारतीय नेता होंगे शामिल
इस बैठक में भारत से कई हस्ती और नेताओं के जानें की सुचना है. जिसमें केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव, मनसुख मंडाविया, स्मृति ईरानी और आरके सिंह शामिल होंगे. एक अन्य कार्यक्रम में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, बी एस बोम्मई और योगी आदित्यनाथ भी शामिल हो सकते हैं. टाटा संस के चेयरमैन नटराजन चंद्रशेखरन, राजेश गोपीनाथ, सीपी गुरनानी, ऋषद प्रेमजी, विजय शेशर शर्मा, एसबीआई के चेयरमैन दिनेश कुमार खारा व सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदार पूनावाला के शामिल होने की उम्मीद है.
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