World's Largest Office: विश्व की सबसे बड़ी ऑफिस बिल्डिंग का खिताब अब तक अमेरिका के पेंटागन के पास था, जो अब छिनने वाला है. भारत में दुनिया की सबसे बड़ी ऑफिस बिल्डिंग बन रही है. यह बिल्डिंग गुजरात के सूरत में बन रही है. सूरत को हीरे के व्यापार का केंद्र माना जाता है. इस बिल्डिंग को भी हीरे के व्यापार केंद्र के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा. इस बिल्डिंग को पूरा बनने में चार साल का वक्त लग गया है. ध्यान देने वाली बात ये है कि सूरत में विश्व के 90 फीसदी हीरे का निर्माण होता है. वहीं अमेरिका के पेंटागन की बात करें तो इसके पास विश्व की सबसे बड़ी ऑफिस होने का ताज पिछले 80 सालों से था, लेकिन अब यह खिताब सूरत डायमंड बोर्स (Surat Diamond Bourse) के पास जाने वाला है.
क्या है सूरत डायमंड बोर्स?
इस शानदार बिल्डिंग का नाम सूरत डायमंड बोर्स (Surat Diamond Bourse) रखा गया है. दुनिया के जेम कैपिटल के रूप में प्रसिद्ध सूरत की इस इमारत को 'वन स्टॉप डेस्टिनेशन' के रूप में बनाया गया है. CNN की रिपोर्ट के मुताबिक इस बिल्डिंग को कुल 15 मंजिला बनाया गया है जो 35 एकड़ में फैली हुई है. इसमें हीरे के व्यापार से जुड़े पॉलिशर्स, कटर्स और व्यापारी सभी के लिए सुविधाएं प्रदान की गई है. इस बिल्डिंग को नौ आयताकार स्ट्रक्चर के रूप में बनाया गया है और यह सभी एक दूसरे से सेंट्रल स्पाइन के रूप में जुड़े हुए हैं. इस बिल्डिंग को बनाने वाली कंपनी ने दावा किया है कि इसमें कुल 7.1 मिलियन वर्ग फुट से ज्यादा की जमीन है. इस बिल्डिंग का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नवंबर, 2023 में करने वाले हैं. इस शानदार बिल्डिंग को बनने में चार साल का वक्त लगा है.
कई व्यापारियों के लिए होगा महत्वपूर्ण साबित-
एसबीडी की वेबसाइट के अनुसार इस कॉम्प्लेक्स में एक एंटरटेनमेंट और पार्किंग एरिया मौजूद है जो कुल 20 लाख वर्ग फुट में फैला हुआ है. एसडीबी डायमंड बोर्स एक गैर लाभकारी संस्था है जो कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 8 के तहत रजिस्टर की गई है. इस प्रोजेक्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी महेश गढ़वी ने कहा है कि नई बिल्डिंग कॉम्प्लेक्स हजारों हीरा व्यापारियों के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र साबित होगा. इससे व्यापारियों को बिजनेस बढ़ाने में मदद मिलेगी और इससे ट्रेन से की जाने वाली दैनिक यात्रा से भी मुक्ति मिलेगी.
कंपनियां खरीद चुकी हैं ऑफिस
सूरत डायमंड बोर्स के डिजाइन को एक इंटरनेशनल स्तर की प्रतियोगिता के बाद भारतीय फर्म मॉर्फोजेनेसिस ने ही डिजाइन किया है. इस मामले पर जानकारी देते हुए महेश गढ़वी ने कहा कि हमने इस बिल्डिंग को बनाते वक्त यह सोचा भी नहीं था कि हम अमेरिका के पेंटागन को पीछे छोड़ देंगे. हमने इसे केवल व्यापारियों की सुविधा के लिए बनाया था. इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि हीरे के व्यापार के इस हब में डायमंड बनाने वाली कंपनियों ने बिल्डिंग के निर्माण से पहले ही अपने ऑफिस खरीद लिए हैं.
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